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Garbage Free City : मेरठ को 2022 में गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य, जानिए नगर निगम क्या कर रहा है तैयारियां

Garbage Free City फ्रेश कूड़े के निस्तारण का प्लांट लगाने को नगर आयुक्त ने शासन को पत्र भेजा है। पूर्व से चले आ रहे दो कंपनियों के चयन के विवाद को निपटाने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि एक से दो महीने के भीतर ये विवाद निपट जाएगा।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 06:00 AM (IST)
Garbage Free City : मेरठ को 2022 में गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य, जानिए नगर निगम क्या कर रहा है तैयारियां
मेरठ को 2022 में गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य

मेरठ, जागरण संवाददाता। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 27 वीं रैंक हासिल करने के बाद मेरठ नगर निगम ने गार्बेज फ्री सिटी की तैयारी शुरू कर दी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में गार्बेज फ्री सिटी का तमगा हासिल करने के लिए अब सारी कवायद होगी। इसके लिए नगर निगम थ्री स्टार रेङ्क्षटग के लिए आवेदन करेगा। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने स्वच्छ सर्वेक्षण सेल को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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900 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन होता है उत्सर्जित

शहर में 900 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन उत्सर्जित होता है। फ्रेश कूड़े के निस्तारण का प्लांट लगाने के लिए नगर आयुक्त मनीष बंसल ने शासन को पत्र भेजा है। पूर्व से चले आ रहे दो कंपनियों के चयन के विवाद को निपटाने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि एक से दो महीने के भीतर ये विवाद निपट जाएगा। जिसके बाद नगर निगम वेस्ट टू कंपोस्ट आधारित फ्रेश कूड़ा निस्तारण का प्लांट लगाएगा। नगर निगम को 15 वें वित्त आयोग के मद से 72 करोड़ रुपये पहली किस्त में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मिले हैं। अर्थात बजट की अब कोई कमी नहीं है। इसी धनराशि में से दो करोड़ रुपये निर्माण अपशिष्ट निस्तारण के लिए सीएंडडीएस प्लांट लगाने को स्वीकृति किए गए हैं। जल्द टेंडर निकालने की तैयारी चल रही है। 15 वें वित्त आयोग से दूसरी किस्त में भी इतनी ही धनराशि मिलने की उम्मीद है। गार्बेज फ्री सिटी के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले स्टार रेङ्क्षटग के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।नगर निगम थ्री स्टार के लिए आवेदन की तैयारी कर रहा है।

ये मानक हैं गार्बेज फ्री सिटी में आने के

-100 प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था।

-वार्ड स्तर पर गीला-सूखा व हानिकारक मेडिकल वेस्ट अलग-अलग संग्रह करना।

-सार्वजनिक व व्यवसायिक क्षेत्रों में सफाई की अलग-अलग व्यवस्था।

-गीले कचरे की प्रोसेसिंग की व्यवस्था।

-सूखे कचरे की प्रोसेसिंग की व्यवस्था।

-बल्क कूड़ा जनरेटर द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन।

-कचरा संग्रह के बदले यूजर चार्ज वसूली।

-प्लास्टिक व थर्माकोल उत्पादों पर पूर्णत: प्रतिबंध।

-निर्माण अपशिष्ट का प्रबंधन व निस्तारण।

नगर निगम की ये है तैयारी

-16 टन कूड़ा संग्रह के पोर्टेबल कांपेक्टर आधारित पांच कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन जल्द शुरू होने जा रहे हैं।

-73 वार्डों में आउटसोर्स पर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था भी जल्द शुरू होने जा रही है।

-17 वार्डों में नगर निगम डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था अपने पास रखेगा।

-21 प्रमुख ढलावघरों को तीन तरफ से दीवार बनाकर कवर्ड करने के लिए टेंडर निकाले गए हैं।

-गांवड़ी में फ्रेश कूड़ा निस्तारण का प्लांट लगाने की तैयारी है। शासन से अनुमति मांगी गई है।

-मंगतपुरम में डंप पुराने कचरे के निस्तारण के लिए गांवड़ी की तर्ज पर प्लांट लगाने की तैयारी है।

-प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े को जल्द गांवड़ी प्लांट पहुंचाने की व्यवस्था भी लागू होने जा रही है।

-गांवड़ी में 15 टन प्रति घंटे व लोहिया नगर में 30 टन प्रति घंटे का कूड़ा निस्तारण प्लांट पहले से है।

-शहर में रखे बड़े कूड़ेदान हटाए जाएंगे। बाजार वाले क्षेत्रों में छोटे कूड़ेदान लगाए जाएंगे।

-प्रत्येक घर तक कूड़ा गाड़ी पहुंचाने के लिए 150 से अधिक नई कूड़ा गाडिय़ां खरीदी जाएंगी।

-खुले खत्ते व अस्थायी खत्ते शत-प्रतिशत समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

इन्होंने कहा

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में मेरठ को गार्बेज फ्री सिटी बनाना है। इसके लिए निगम थ्री स्टार रेटिंग के लिए आवेदन करेगा। जो मानक हैं। उसके हिसाब से कूड़ा उठान, संग्रह और फिर निस्तारण की व्यवस्था पर नगर निगम का स्वच्छ सर्वेक्षण सेल काम करेगा।

मनीष बंसल, नगर आयुक्त।


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