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Online Fraud: मेरठ में रिकवरी के साथ ही लोगों को जागरूक करने में जुटी पुलिस, अपनाया जा रहा यह तरीका

Beware of cyber thugs मेरठ में भी कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर बढ़ रहे ठगी के मामले। झांसा देकर लोगों से रुपये ठग लिए गए। पुलिस ने भी ठगों के खिलाफ कमर कस ली है। लोगों को ऐसे ठगों से बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 08:20 AM (IST)
Online Fraud: मेरठ में रिकवरी के साथ ही लोगों को जागरूक करने में जुटी पुलिस, अपनाया जा रहा यह तरीका
मेरठ में 24 दिन में नौ लोगों को बनाया निशाना, पांच के रुपये मिले।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Beware of cyber thugs शातिर ठग वारदात करने के तरीके लगातार बदलते रहते हैं। फिलहाल कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर भी खाता साफ किया जा रहा है। साइबर सेल की टीम ने कई लोगों के रुपये वापस भी कराए हैं, लेकिन कुछ को मायूसी ही हाथ लगी है। पुलिस रिकवरी का रिकवरी के साथ ही लोगों को जागरूक करने पर जोर है, इसलिए तो स्कूल-कालेजों के साथ ही सरकारी और निजी कार्यालयों पर नोटिस चस्पा रहते हैं।

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रुपये वापस कराए

केबीसी के नाम पर जिले में कई लोगों के पास विदेश से काल आ चुकी है। 10 हजार रुपये खर्च कर 25 लाख जीतने का लालच भारी पड़ रहा है। वेदव्यासपुरी निवासी सौरभ शर्मा ने बताया कि वह भी झांसे में आ गए थे, जिसके बाद उनके खाते से 10 हजार रुपये कट गए थे। उन्होंने पुलिस और साइबर सेल में शिकायत की। साइबर टीम ने काम करते हुए उनके रुपये वापस करा दिए थे। इसी तरह लालकुर्ती निवासी संगीता भी खुशकिस्मत रहीं। उनके खाते से ठगों ने 20 हजार रुपये साफ कर दिए थे, जो वापस आ गए थे।

नौ लोगों ने की ठगी की शिकायत

मेडिकल निवासी मयंक के खाते से 10 हजार रुपये उड़ा दिए थे, जो साइबर टीम के प्रयास से लौट आए थे। हालांकि जागृति विहार निवासी अनिल और पैसिफिक हाइट्स कालोनी निवासी संदीप के रुपये नहीं मिले। इसी तरह से सिविल लाइन निवासी आसिफ के खाते में भी रुपये नहीं आए। उनका कहना है कि साइबर सेल की टीम ने प्रयास तो किया था, लेकिन बात नहीं बनी। वहीं, अभी तक साइबर सेल में केबीसी के नाम पर नौ लोगों ने ठगी की शिकायत की थी, जिसमें से पांच लोगों के रुपये आ गए थे।

पंपलेट, पोस्टर से दे रहे सलाह

एसपी क्राइम अनित सिंह ने बताया कि ठगी की वारदात जागरूकता से ही रोकी जा सकती हैं। इसके चलते ही स्कूल-कालेजों के साथ ही सभी सरकारी और निजी कार्यालयों के साथ ही सार्वजनिक जगहों पर पंपलेट और पोस्टर आदि चस्पा किए गए हैं। इसके साथ ही लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की जाती है। उनका यही प्रयास रहता है कि ठगी के मामले में लोगों के रुपये वापस आ जाएं। इसके लिए जितनी जल्दी शिकायत मिलती है, उतनी ही रकम वापसी की उम्मीद बढ़ जाती है। केबीसी के मामले में ठगी के भी कई लोगों के रुपये वापसी कराए गए हैं।


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