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Rapid Rail Corridor: मेरठ में एमईएस, डोरली और मोदीपुरम स्टेशन पर भी रैपिड रेल के फाउंडेशन का कार्य शुरू

Rapid Rail Corridor मेरठ जिले में पडऩे वाले कुल 12 स्टेशनों में से 11 स्टेशनों पर कार्य शुरू हो गया है। कुछ समय बाद मेरठ नार्थ पर भी कार्य शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि मेरठ में रैपिड रेल का काम तेजी के साथ चल रहा है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 01:47 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 01:47 PM (IST)
Rapid Rail Corridor: मेरठ में एमईएस, डोरली और मोदीपुरम स्टेशन पर भी रैपिड रेल के फाउंडेशन का कार्य शुरू
मेरठ जिले में 12 में से सिर्फ मेरठ नार्थ स्टेशन पर फाउंडेशन का कार्य शुरू होना बाकी।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Rapid Rail Corridor रैपिड रेल कारिडोर का कार्य तेज गति से चल रहा है। मेरठ जिले में पडऩे वाले कुल 12 स्टेशनों में से 11 स्टेशनों पर कार्य शुरू हो गया है। कुछ समय बाद मेरठ नार्थ पर भी कार्य शुरू हो जाएगा। जिसके बाद सभी एलिवेटेड व भूमिगत स्टेशन बनाने का कार्य गति पकड़ लेगा। कारिडोर के लिए दिल्ली रोड पर डिवाइडर के बीच में पिलर बनाने का कार्य चल रहा है। यही नहीं, परतापुर में रेल पटरी बिछाने वाले वायडक्ट का भी कार्य चल रहा है।

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स्टेशन काम की वर्तमान स्थिति

1. भूड़बराल यानी मेरठ साउथ फाउंडेशन व पिलर का कार्य जारी

2. परतापुर पिलर व स्टेशन निर्माण जारी। प्रथम तल के छत के लिए विम रखे जा रहे हैं।

3. रिठानी पिलर निर्माण जारी। जल्द ही प्रथम तल के लिए विम रखे जाएंगे।

4. शताब्दीनगर फाउंडेशन कार्य जारी।

5. ब्रह्मपुरी फाउंडेशन कार्य जारी।

6. मेरठ सेंट्रल भूमिगत स्टेशन है। डीवाल तैयार करने से पहले के कार्य जारी। जिसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है।

7. भैंसाली भूमिगत स्टेशन है। डीवाल तैयार की जा रही है।

8. बेगमपुल भूमिगत स्टेशन है। डीवाल से संबंधित कार्य जारी है।

9. एमईएस फाउंडेशन का कार्य शुरू हुआ है।

10. डोरली फाउंडेशन का कार्य शुरू हुआ है।

11. मेरठ नार्थ फाउंडेशन का कार्य शुरू होना बाकी।

12. मोदीपुरम फाउंडेशन का कार्य शुरू हुआ है।

आप यह भी जानिए

यहां पर यह भी जानिए कि 82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर देश का प्रथम रीजनल रैपिड रेल कारिडोर प्रोजेक्‍ट है। इस कोरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के 17 किमी हिस्से में सबसे पहले दिसंबर 2022 या मार्च 2023 तक रैपिड रेल का दौड़ाने की तैयारी हो रही है। इस हिस्से पर इलेक्ट्रिकल ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) यानी विद्युत आपूर्ति वाले उपकरण लगाने का काम भी काफी तेजी के साथ हो रहा है। यहीं पर पटरी बिछाने का भी कार्य साथ-साथ चल रहा है। ओएचई वे विद्युत उपकरण वे उपकरण होते हैं, जिसके द्वारा ट्रेन में विद्युत की आपूर्ति होती है और जिससे ट्रेन चलती है। गौरतलब है कि NCRTC देश में पहली बार 180 किमी प्रति घंटे के डिजाइन स्पीड वाले उच्च गति व आवृत्ति वाले कारिडोर का निर्माण कर रहा है। जिसके लिए उपयुक्त इलेक्ट्रिकल ओवरहेड इक्विपमेंट, मास्ट व अन्य उपकरण विशेष प्रकार से डिजाइन किए गए हैं। रैपिड रेल का काम समय से हो, इसके लिए इस प्रोजेक्‍ट पर बड़ी संख्‍या में कामगार काम रहे हैं।


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