World Daughters Day 2021: बेटियों को खेलों में ज्यादा मिले मौके, पढ़ें-बागपत की शूटर दादी ने क्या की है अपील
World Daughters Day 2021 आज रविवार को वर्ल्ड डाटर्स डे के मौके पर बागपत की शूटर दादी प्रकाशी तोमर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बेटियों के हित की बात को उठाया है ताकि खेलों में बेटियों की हिस्सेदारी बढ़ सके।
बागपत, जेएनएन। आज रविवार 26 सितंबर को वर्ल्ड डाटर्स डे के मौके पर पूरे देश में शूटिंग में अपना लोहा मनवाने वालीं बागपत की शूटर प्रकाशी तोमर ने खेलों में बेटियों की भागीदारी को बढ़ाने की कवायद में एक कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से अपील की है कि खेलों में बेटियों को अधिक मौके मिले ताकि वे खुद को साबित कर सके। पुरुष प्रधान समाज में बेटियों को अवसर मिलने से वे भी आइना दिखा सकेंगी कि उन्हें किसी प्रकार से कमजोर न समझा जाए और वे किसी पर बोझ नहीं हैं। शूटर प्रकाशी तोमर ने यह अपील अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म koo के माध्यम से की है।
इनके दिए उदाहरण
डाटर्स डे पर प्रकाशी तोमर ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कहा है कि बेटी दिवस इसीलिए भी खास है क्योंकि बेटियों के प्रति समाज के लोगों को अपना नजरिया बदलना होगा और यह समझना होगा कि आज के दौर में बेटियां घर का ही खास हिस्सा है। इन्हें बोझ न समझा जाए। इसके आगे उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि देश की बेटी खिलाड़ियां अंजुम मुद्गिल, अपूर्वी चंदेला, मनु भाकर, पीवी सिद्धू ,साइना नेहवाल, आपका खेल और आपकी जीत करोड़ों भारतीयों के चेहरे पर न केवल मुस्कान लाती है, बल्कि अन्य परिवारों को इस बात का एहसास भी दिलाती है कि वो भी अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें और उनकी जीत पर गर्व का अनुभव करें। गौरतलब है कि अंजुम मुद्गिल, अपूर्वी, चंदेला और मनु भाकर अंजुम मुद्गिल, पूर्वी चंदेला और मनु बहकर भारत की युवा शार्प शूटर्स हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बदौलत पर भारत को कॉमनवेल्थ, ओलंपिक्स और एशियाई खेलों में पदक दिलाकर मान बढ़ाया है।
बागपत की प्रकाशी तोमर यानी...
बालीवुड फिल्म "सांड की आंख दादी" चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की रियल लाइफ स्टोरी पर ही आधारित है। इससे पहले भी अभिनेता आमिर खान ने दोनों शूटर दादी की कहानी से प्रभावित होकर उन्हें अपने शो सत्यमेव जयते में भी बुलाया था। घर के पुरुषों को दोनों निशानेबाजी पर घोर आपत्ति थी। लेकिन जब ठान लिया तो ठान लिया। दोनों के बेटों, बहुओं और पोते- पोतियों ने भरपूर साथ दिया। घर से निकलकर पास के रेंज में अभ्यास करने के लिए जा सकीं। शूटर दादी ने वरिष्ठ नागरिक वर्ग में कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं। दुखद बात यह है कि कोरोनाकाल में प्रकाशी तोमर की जेठानी और और उनकी शूटर साथी चंद्रो तोमर का कोरोना से निधन हो गया था। यह प्रकाशी तोमर के लिए एक बड़ा झटका था।
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