Ayodhya Archery Festival: अयोध्या में इस दशहरा रावण होगा देश के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धरों का लक्ष्य
Ayodhya Archery Festival 13 से 16 अक्टूबर तक आयोजित होगा अयोध्या तीरंदाजी महोत्सव। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर को समर्पित इस तीरंदाजी महोत्सव में देश के टॉप-16 तीरंदाज और प्रदेश के टॉप-16 तीरंदाजों को आमंत्रित किया जाएगा ।
मेरठ, अमित तिवारी। भारतीय संस्कृति, सभ्यता और इतिहास में सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को ही माना जाता है। अयोध्या नगरी भगवान राम के लिए एक बार फिर से तैयार हो रही है। राम मंदिर निर्माण ज्यों-ज्यों आगे बढ़ रहा है, लोगों की आस्था, विश्वास और समर्पण उन्हें अयोध्या की ओर खींचने लगी है। पिछले साल दशहरे और दीपावली के मौके पर हुए विशेष रामलीला व दीपोत्सव आयोजनों के बाद इस साल भी विशेष आयोजन की तैयारी है। प्रदेश सरकार की ओर से 13 से 16 अक्टूबर तक अयोध्या तीरंदाजी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर को समर्पित इस तीरंदाजी महोत्सव में देश के टॉप-16 तीरंदाज और प्रदेश के टॉप-16 तीरंदाजों को आमंत्रित किया जाएगा।
दिखेगा हुनर, समर्पण और लक्ष्य के प्रति एकाग्रता
बात तीरंदाजी में लक्ष्य साधने की हो तो महाभारत कालीन अर्जुन के मछली की आंख को देखने का प्रसंग सबसे पहले याद आता है। अयोध्या तीरंदाजी महोत्सव में देशभर के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर यानी तीरंदाज उसी अंदाज में अपने लक्ष्य को भेदते नजर आएंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों का मुकाबला उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ 16 तीरंदाज करेंगे। यह सभी तीरंदाज सीनियर वर्ग के होंगे, जो राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश और देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस महोत्सव में विशेष रुप से टॉप-16 तीरंदाजों को आमंत्रित किया गया है, जिससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीरंदाज को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर के खिताब नवाजा जा सके। तीरंदाजी महोत्सव में कंपाउंड, रिकर्व और इंडियन राउंड तीनों के इवेंट होंगे। जिसमें 14 लाख रुपए के नगद पुरस्कार विजेताओं को दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश के टॉप-16 तीरंदाज मेरठ में आयोजित चयन प्रतियोगिता से ही चयनित किए जाएंगे।
प्रतियोगिता के बीच ही है दशहरा
अयोध्या में 13 से 16 अक्टूबर के दौरान आयोजित अयोध्या तीरंदाजी महोत्सव के बीच ही दशहरे का पर्व पड़ेगा। दशहरा 15 अक्टूबर को है। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष में अपने भीतर के रावण को दहन करने के लिए हर साल रावण को जलाया जाता है। परंपरा यही रही है कि रामलीला में प्रभु श्रीराम का किरदार निभाने वाले कलाकार ही तीर से रावण को जलाते हैं। उत्तर प्रदेश तीरंदाजी संघ के संयुक्त सचिव योगेंद्र सिंह राणा के अनुसार खेल में हर तीरंदाज के लिए उनका लक्ष्य उस रावण की तरह ही है जिसे वह सटीक भेजना चाहते हैं। वही उनका पहला और अंतिम लक्ष्य भी होता है, जिसमें वह चूकना नहीं चाहते और अयोध्या की पावन धरती पर आयोजित इस तीरंदाजी महोत्सव में देश भर के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों को अपना वही हुनर दिखाने का मौका मिलेगा। अयोध्या तीरंदाजी महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।