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महिलाओं को प्रशिक्षण देकर तैयार कराई जा रही क्रिकेट की बाल, अर्थव्‍यवस्‍था में आ रही उछाल

Training For Making Cricket Ball खेल उत्पाद उत्पादन में जनपद को बढ़ावा देने व ग्रामीण क्षेत्र में भी उत्पाद तैयार कराने के लिए कई स्तर पर प्रयास जारी है। अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर क्रिकेट की बाल तैयार कराई जा रही है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 12:08 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 12:08 PM (IST)
महिलाओं को प्रशिक्षण देकर तैयार कराई जा रही क्रिकेट की बाल, अर्थव्‍यवस्‍था में आ रही उछाल
मेरठ में अब ग्रामीण महिलाओं को क्रिकेट बाल बनाने की दी जा रही ट्रेनिंग।

जागरण संवाददाता, मेरठ। Training For Making Cricket Ball खेल उत्पाद उत्पादन में जनपद को बढ़ावा देने व ग्रामीण क्षेत्र में भी उत्पाद तैयार कराने के लिए कई स्तर पर प्रयास जारी है। अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर क्रिकेट की बाल तैयार कराई जा रही है। कार्यक्रम के तहत एक दर्जन स्वयं सहायता समूह योजना से जुड़ चुके हैं। साथ ही आमदनी का साधन भी तैयार हो रहा है।

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जनपद में स्वयं सहायता समूह को अधिक बलवान बनाने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसके लिए क्रिकेट बाल मेकिंग पायलट प्रोजेक्ट जनपद में शुरू किया गया है। प्रोजेक्ट से जनपद के एक दर्जन से अधिक स्वयं सहायता समूह को जोड़कर महिलाओं को क्रिकेट बाल बनाने का जिला उद्योग केंद्र की मदद से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जबकि कुछ महिलाएं बाल बनाने का कार्य शुरू कर चुकी है।

पांच लाख रुपये तक का मिल रहा ऋण

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को विशेष रूप प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा काम शुरू करने के लिए पांच लाख तक की ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बाद काम शुरू करने के लिए अन्य संसाधन भी प्रदान किए जाएंगे।

हर माह 10 से 15 लाख के तैयार हो रहे उत्पाद

योजना के तहत गांवों में प्रशिक्षण के बाद समूह कार्य शुरू कर चुकी हैं और क्रिकेट बाल बनाने के साथ अन्य उत्पाद भी तैयार कर रही है। वर्तमान मेें हर माह 10 से 15 लाख रुपये के उत्पाद तैयार हो रहे हैं। अन्य समूह द्वारा कार्य शुरू करने से आमदनी में वृद्धि होगी।

सीडीओ शशांक चौधरी ने कहा: क्रिकेट बाल मेकिंग प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह को जोड़कर प्रशिक्षण और ऋण उपलब्ध कराकर काम शुरू कराया जा रहा है। प्रोजेक्ट को लेकर अच्छे परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। 


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