Murder Of Mukim Kala: मुकीम के खौफ से थर्राता था सहारनपुर, यहां दर्ज सर्वाधिक 31 मुकदमे
Murder Of Mukim Kala चित्रकूट जिला कारागार में हुई फायरिंग के दौरान मारा गया कुख्यात मुकीम काला का आतंक वैसे तो पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में था लेकिन सबसे अधिक वारदातों को उसने सहारनपुर में अंजाम दिया था।
सहारनपुर, जेएनएन। चित्रकूट जिला कारागार में हुई फायरिंग के दौरान मारा गया कुख्यात मुकीम काला का आतंक वैसे तो पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में था, लेकिन सबसे अधिक वारदातों को उसने सहारनपुर में अंजाम दिया था। यहीं कारण है कि उस पर 61 मुकदमों में से 31 मुकदमे सहारनपुर के थानों में दर्ज हुए थे। सभी 31 मुकदमों में वह विचाराधीन बंदी था। एक भी मुकदमे में उसे अभी तक सजा नहीं हुई थी। उसने तनिष्क शोरूम में करोड़ों की लूट के साथ सीओ के गनर की हत्या कर दी थी। तनिष्क शोरूम में डकैती डालने के बाद पश्चिम में उसका अपराध में और कद बढ़ गया था। इसके बाद उसे बाद में एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था।
2015 में डाली थी तनिष्क शोरूम में डकैती
वर्ष 2015 में सहारनपुर के तनिष्क शोरूम में मुकीम काला ने अपने साथी साबिर के साथ मिलकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। इस डकैती के ढाई करोड़ से अधिक का माल लूट गया था। हैरत की बात यह थी कि इस वारदात को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया था। मुकीम काला ने इस वारदात के बाद शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर आदि जिलों में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। हमेशा ही वह पुलिस की नजरों से बचता रहा है।
मुठभेड़ में शहीद हो गया था सिपाही राहुल ढाका
दरअसल, 2013 में सहारनपुर पुलिस को सूचना मिली कि कुख्या मुकीम काला ने हरियाणा के करनाल में पेट्रोल पंप को लूटा है। वह लूट करने के बाद सहारनपुर की तरफ भागा है। जिसके बाद सीओ उमेश कुमार अपने गनर राहुल ढाका के साथ सर्किट हाउस रोड पर चेकिंग करने लगे। जिस समय मुकीम काला की कार आई तो उसे रोका गया। मुकीम काला की कार की चालक वाली खिड़की जैसे ही सिपाही राहुल ढाका ने खोली तो मुकीम ने उसे सिर में गोली मार दी। राहुल ढाका की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपित फरार हो गया था।
इन वारदातों में भी शामिल रहा मुकीम काला
22 सितंबर 2014 को मुकीम काला ने अपने साथी साबिर के साथ मिलकर देवबंद में एक मकान में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। यहां भी लाखों रुपये का माल लूटा गया था। इसके अलावा बिहारीगढ़ के मोहंड चौकी के समीप लूट की वारदात की थी। जिसमें एक बाइक और कार को लूटा गया था। गंगोह में घोड़ी वालों के यहां डकैती, देवबंद के गुर्जरवाड़ा में डकैती, बेहट में लूट के साथ साथ एक के बाद एक 14 वारदातों को अंजाम दिया था।
तनिष्क शोरूम के बाद गैंग का होना शुरू हुआ अंत
सहारनपुर के तनिष्क शोरूम में जिस समय वारदात को अंजाम दिया गया था। उस समय 17 बदमाश गैंग में शामिल हाेना बताए गए थे। इसके बाद यह गैंग पुलिस के निशाने पर आ गया था। शामली के गांव जंधेड़ी में पुलिस ने साबिर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। अधिकांश इस गैंग के बदमाशों को जेल में भेज दिया गया था। मुकीम काला का सबसे खास एवं नजदीकी साबिर को बताया जाता था। साबिर के मरने के बाद मुकीम काला की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। जिसके बाद इस गैंग का आतंक कुछ कम हुआ था।
गैंग में यह बदमाश थे शामिल
सहारनपुर पुलिस के रिकार्ड के अनुसार, गैंग का लीडर मुकीम काला निवासी जहानपुरा शामली, साबिर पुत्र रकम निवासी तिगरी नकुड़, साबिर निवासी जंधेड़ी, अरशद निवासी बाढ़ी माजरा, रिजवान निवासी जहानपुरा, वाजिद उर्फ काला निवासी तितरो, हैदर निवासी तितरो, महताब काना बलवा माजरा शामली, नीरज निवासी लांक शामली, फरमान भूरा कैराना, आसिफ और मुंशाद खंदरावली, बेशरन व अजरु हाजीपुर गंगोह, बरनावी कैराना निवासी अकबर और हारुन के नाम शामिल है।