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Coronavirus In Meerut: राहत की बात, करीब 50 फीसद लोगों में बनी एंटीबाडी, हर्ड इम्युनिटी करीब

Coronavirus In Meerut यहां मेरठ में मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजी विभागाध्यक्ष डा. अमित गर्ग का कहना है कि नई दिल्ली से मेरठ बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना रहा है। नई दिल्ली में जब संक्रमण की लहर उठी उसी दौरान मेरठ एवं आसपास के जिलों में बीमारी बढ़ी।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 10:30 AM (IST)
Coronavirus In Meerut: राहत की बात, करीब 50 फीसद लोगों में बनी एंटीबाडी, हर्ड इम्युनिटी करीब
संभव है कि 70 फीसद आबादी तक वायरस पहुंचने से संक्रमण की कड़ी टूट जाएगी।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना की चपेट में नौ माह से कराहते एनसीआर को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। नई दिल्ली के ताजा सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा व पास के शहरों में करीब 50 फीसद लोगों में एंटीबाडी बन चुकी है। इधर, टीकाकरण शुरू होने के साथ ही एनसीआर हर्ड इम्युनिटी के करीब आ गया है। 70 फीसद आबादी तक वायरस पहुंचने से संक्रमण की कड़ी टूट जाएगी।

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कम संख्‍या में लोगों में लक्षण

मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजी विभागाध्यक्ष डा. अमित गर्ग का कहना है कि नई दिल्ली से मेरठ बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना रहा है। नई दिल्ली में जब संक्रमण की लहर उठी, उसी दौरान मेरठ एवं आसपास के जिलों में बीमारी बढ़ी। जून, सितंबर एवं नवंबर में संक्रमण का पारा अचानक ऊपर पहुंच गया था। कोरोना वायरस बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचा। ज्यादातर में पता नहीं चला, क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर थी। कम संख्या में लोगों में लक्षण उभरा। अगर 40 से 50 फीसद संक्रमण माना जाए तो मेरठ शहर में करीब छह-सात लोगों तक वायरस पहुंचा है।

प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी

जबकि आंकड़ों में महज 20 हजार मरीज आए। जिन लोगों के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हुआ, उन्हें आक्सीजन देना पड़ा। डा. गर्ग ने बताया कि कोरोना वायरस सांस, खांसी, बोलचाल, एक कमरे में रहने, बंद गाड़ी में घूमने और संक्रमित व्यक्ति का कपड़ा पहनने पर बीमारी कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के प्रति बनी एंटीबाडी छह माह में खत्म हो जाती है। ऐसे में संभव है कि जो लोग मार्च से जुलाई के बीच संक्रमित हुए, उनकी एंटीबाडी खत्म हो गई होगी। वो सीरो सर्वे में पाजिटिव नहीं मिलेंगे। बाल रोग विशेषज्ञ डा. नीरज कांबोज ने बताया कि कोई भी वायरल संक्रमण हो, वो हर्ड इम्युनिटी में पहुंचकर स्वयं कमजोर पड़ जाता है। टीका लेने वालों में भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी।


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