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गंगा एक्सप्रेस-वे के सर्वे में धांधली का आरोप, टीम को लौटाया

गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए सर्वे करने गई टीम पर किसानों ने धांधली का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 08:00 PM (IST)
गंगा एक्सप्रेस-वे के सर्वे में धांधली का आरोप, टीम को लौटाया
गंगा एक्सप्रेस-वे के सर्वे में धांधली का आरोप, टीम को लौटाया

मेरठ, जेएनएन। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए सर्वे करने गई टीम पर किसानों ने धांधली का आरोप लगाया। शनिवार को टीम को ग्रामीणों ने विरोध करते हुए बैरंग लौटा दिया था। रविवार को इस संबंध में खंदावली गांव में धनौटा, सोलाना, खेड़ा, काशी समेत आठ गांवों के किसानों की पंचायत हुई। इसमें किसानों ने कहा कि पुराने एलाइनमेंट पर एक्सप्रेस-वे नहीं बनाया गया तो वे निर्माण कार्य नहीं होने देंगे।

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गंगा एक्सप्रेस-वे को बिजौली से शुरू करने को प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दी थी। हालांकि पूर्व में एलाइनमेंट काशी गांव से किया गया था। जिस कारण काशी से लेकर बिजौली के बीच पड़ने वाले आठ गांव गंगा एक्सप्रेस-वे से बाहर हो गए। किसानों ने अधिकारियों से मिलकर काशी से एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग की थी। शनिवार को सर्वे करने खंदावली गांव पहुंची टीम को धांधली का आरोप लगाकर किसानों ने लौटा दिया था।

रविवार को खंदावली निवासी किसान नरेंद्र त्यागी के आवास पर पंचायत हुई। इसमें किसानों ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण काशी से पुराने एलाइनमेंट के आधार किया जाए। कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को शुरू नहीं होने देंगे। इस मौके पर दीपक त्यागी, अशोक, उदयवीर खानपुर, विनोद खंदावली, सोनू सोलाना, जयप्रकाश शर्मा, महबूब, नरेन्द्र त्यागी, महेन्द्र प्रधान, देवेन्द्र प्रधान आदि मौजूद थे।

अवैध कब्जे के मामले में पुन: जांच की मांग: परीक्षितगढ़ निवासी अशोक त्यागी ने बताया कि नगर के बच्चा पार्क पर अवैध निर्माण व कब्जे को लेकर वाद न्यायालय मे विचाराधीन है। जिसको लेकर कब्जाधारक ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। जिसकी शिकायत उन्होंने एसएसपी मेरठ से की थी। मामले की जांच थाने के दरोगा सतबीर पर आयी। जिसमे उन्होंने आरोपित को बचाते हुए विक्रेता से रंजिश दर्शाते हुए निस्तारण कर दिया। जबकि विक्रेता का शिकायत मे कहीं नाम नहीं है। अशोक त्यागी ने आरोप लगाया कि दारोगा ने झूठी आख्या पेश कर उच्चाधिकारियों को गुमराह किया है। शिकायतकर्ता ने पुन: जांच की मांग की है। उधर इस बारे में दारोगा सतबीर ने इस मामले मे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।


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