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Young Achievers: मेरठ के सिसौली से ताल ठोक रहीं पहलवान लीजा तोमर भी, यह है भविष्‍य की योजना

Young Achievers उभरती पहलवान लीजा तोमर सिसौली गांव में ही द बेस इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 9वी में पढ़ाई कर रही हैं। उनके पापा प्रद्युमन तोमर सेना में कार्यरत हैं। लंबे समय तक ड्यूटी के लिए गांव से निकलने पर अक्सर वह अलका तोमर को देखा करते थे।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 01:35 PM (IST)
Young Achievers: मेरठ के सिसौली से ताल ठोक रहीं पहलवान लीजा तोमर भी, यह है भविष्‍य की योजना
मेरठ की पहलवान लीजा ने कोटा में हुई अंडर 15 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था।

मेरठ, [अमित तिवारी]। Young Achievers अंतरराष्ट्रीय पहलवान और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अलका तोमर ने मेरठ के सिसौली गांव से निकलकर दुनिया भर में मेरठ और देश का नाम रोशन किया है। उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने वाली बेटियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। पश्चिमी यूपी में पहली महिला पहलवान बनकर उन्होंने कुश्ती के दंगल में नई दावेदारी शुरू कर दी थी। उन्हीं के गांव सिरौली से एक और उभरती हुई पहलवान लीजा तोमर हैं जो वर्तमान में पढ़ाई तो कक्षा 9वी में कर रही हैं, पर उनके पहलवानी के जज्बे आसमान छूने वाले हैं। अलका तोमर से ही प्रेरित होकर कुश्ती में आगे बढ़ी लीजा ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत लिया है। उनकी नजर जूनियर से सीनियर होते हुए अंतरराष्ट्रीय पदको तक टिकी हुई हैं।

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पिता ने बढ़ाया, तो बढ़ती गई बिटिया

लीजा तोमर सिसौली गांव में ही द बेस इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 9वी में पढ़ाई कर रही हैं। उनके पापा प्रद्युमन तोमर सेना में कार्यरत हैं। लंबे समय तक ड्यूटी के लिए गांव से निकलने पर अक्सर वह अलका तोमर को देखा करते थे। धीरे धीरे बढ़े सम्मान और उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्होंने बेटी लीजा को भी कुश्ती में आगे बढ़ने को प्रेरित किया। लीजा को पिता का प्रोत्साहन मिला तो उन्होंने कड़ी मेहनत से आगे बढ़ने की ठान ली। लीजा ने साल 2017 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कुश्ती कोच डॉक्टर जबर सिंह सोम के मार्गदर्शन में कुश्ती का ककहरा सीखना शुरू किया। वर्तमान में वह अपनी प्रेरणा स्त्रोत अलका तोमर से भी बीच-बीच में कुश्ती के दांव पेच सीखती रहती हैं। अलका तोमर भी समय निकालकर अपने गुरु डॉक्टर जबर सिंह सोम के पास जाते हैं और वहां प्रशिक्षण ले रही बालिकाओं को अपने अनुभव से मार्गदर्शन करती हैं।

बिना डरें उतरी मैट पर और जीतने लगी पदक

लीजा ने कुश्ती सीखना शुरू करने के साथ ही प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। शुरुआती प्रतियोगिताएं उन्होंने जिले में क्रीड़ा भारती की ओर से आयोजित कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। एक-एक कर इसमें लीजा ने 8 पदक जीते। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में पहली बार प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित अंडर 15 यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह प्रतियोगिता 6 से 11 जून तक आयोजित की गई थी।

पहचान दिलाना उद्देश्‍य

प्रदेश में पदक जीतने के बाद लीजा ने 21 जून से कोटा में हुई अंडर 15 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था। राजस्थान में 23 जून तक हुई इस प्रतियोगिता में भी लीजा ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीतकर लौटी। इसके बाद वह किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकीं। 2020 बिना प्रतियोगिताओं के ही निकल गया, लेकिन उनका प्रशिक्षण जारी रहा। लीजा स्वयं को ओलंपियन रेसलर के तौर पर पहचान दिलाना चाहती हैं। इसलिए पढ़ाई के साथ कुश्ती प्रशिक्षण में भी पूरा समय देती हैं। वर्तमान में उनका लक्ष्य इस साल की सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता पर है जिसके लिए पहले प्रदेश स्तरीय सीढ़ी पार करनी है और उसके बाद नेशनल में पदक लेकर आगे की प्रतियोगिता में बढ़ने का लक्ष्य बना रखा है।


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