Young Achievers: उस 36 सेकेंड का बैरियर तोड़ने को बेताब हैं मेरठ की वॉकर प्रियंका
Walker Priyanka चलते-फिरते पदक जीतने को अपनी आदत बना चुकी हैं मेरठ की एथलीट प्रियंका नार्थ जोन जूनियर नेशनल और जूनियर फेडरेशन में दर्ज है प्रियंका के नाम रिकार्ड। आइए जानते हैं उनके बारे और भी बहुत कुछ।
मेरठ, [अमित तिवारी] । Young Achievers चलते-फिरते भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढेर सारे पदक जीते जा सकते हैं, यह बात अब एथलीट्स को समझ में आने लगी हैं। इसका दमदार उदाहरण बनकर उभरी हैं मेरठ की एथलीट वॉकर प्रियंका जिन्होंने प्रदेश से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ लगातार पदकवीर बनती जा रही हैं। वर्तमान में प्रियंका बेंगलुरू में नेशनल कैंप में ओलंपिक की तैयारी कर रही हैं। देश भर से इस कैंप में एथलेटिक्स के वॉक इवेंट में केवल दो बालिका खिलाड़ी ही शामिल हैं। पिछले साल ओलंपिक क्वालीफायर ट्रायल में प्रियंका 36 सेकेंड से पीछे रह गई थी। लेकिन अब वह हर दिन उस 36 सेकेंड माइनस को प्लस करने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं। ओलंपिक 20 किलोमीटर वाक में क्वालीफाइंग टाइम 01:31:00 घंटे हैं जबकि प्रियंका ने यह दूरी 01:31:36 घंटे में पूरी की थी। यह प्रियंका का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था लेकिन थोड़ा और चाहिए था।
देश के नाम ओलंपिक पदक लाना ही एक मात्र लक्ष्य
प्रियंका के अनुसार उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य फिलहाल देश के लिए एथलेटिक्स के वॉकिंग इवेंट में देश के लिए पदक जीतना है। इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने लाकडाउन में एक भी दिन खराब नहीं होने दिया और अपनी ट्रेनिंग जारी रखा। संभवत: यह प्रियंका का परिश्रम ही है जो उन्हें नेशनल कैंप में शामिल किया गया जिससे वह अपनी गति को थोड़ा और बढ़ा सकें और ओलंपिक क्वालीफाइंग ट्रायल में सफल होने के बाद ओलेपिक गेम्स में पदक भी जीत सकें। उन्हें पूरा विश्वास है कि कोविड-19 के कारण मिले अवसर को वह सदुपयोग करते हुए अपनी तैयारी को बेहतर से बेहतरीन कर सकती हैं।
शुरू से ही शुरू हो गया पदकवीर का सिलसिला
मेरठ की एथलीट प्रियंका ने पहली प्रतियोगिता साल 2011 में प्रदेश स्तरीय एथलेटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। पांच किलोमीटर की वॉक में स्वर्ण पदक लेने के साथ ही प्रियंका प्रदेश की बेस्ट एथलीट भी बनी। उसी साल नेशनल यूथ एथलेटिक चैंपियनशिप में भी पांच किमी वॉक में हिस्सा लिया और रजत पदक जीता। साल 2011 से 2013 के दौरान अंडर-18 आयु वर्ग में ही प्रियंका ने तीन स्वर्ण पदक, तीन रजत पदक और दो कांस्य पदक जीत लिया था।
फिर शुरू हुआ रिकार्ड तोड़ने और बनाने का सिलसिला
अगस्त 2014 में प्रियंका ने नॉर्थ जोन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10 किमी वॉक में मीट रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस प्रतियोगिता में प्रियंका ने 10 किमी की वॉक 48:30 मिनट में पूरा कर नया रिकार्ड बनाया जो अब तक कायम है। नवंबर 2014 में जूनियर नेशनल में भी 10 किमी की वॉक प्रियंका ने 49.16 मिनट के रिकार्ड समय में पूरा किया। मीट रिकार्ड के साथ स्वर्ण जीता और वह रिकार्ड अभी तक कायम है। अगस्त 2015 में जूनियर फेडरेशन कप में भी प्रियंका ने 10 किमी की वॉक में नया मीट रिकार्ड बनाकर स्वर्ण जीता।
20 किमी में भी पदक जीतने से हुई शुरुआत
पांच और 10 किमी वॉक में अपनी धाक जमाने के बाद प्रियंका ने फरवरी 2015 में केरल में हुए नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया। यह प्रियंका की पहली सीनियर नेशनल प्रतियोगिता थी। इसमें पहली बार 20 किमी वाक में हिस्सा लिया और 01:46:22 घंटे में दूरी नाप कर कांस्य पदक जीता। अप्रैल 2015 सीनियर फेडरेशन कप एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक, अगस्त 2015 नेशनल इंटरस्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक, फरवरी 2016 ओपन रेस वाकिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर 20 किमी फार्मेट में भी अपने पांव जमा लिए।
2016 में रोम वॉक में पहंची प्रियंका
साल 2018 में रेलवे का हिस्सा बन चुकी प्रियंका ने पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में साल 2016 में हिस्सा लिया था। इंटली के रोम में हुई वल्र्ड वॉकिंग टीम चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर प्रियंका ने 20 किमी की वॉक व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय 01:40:03 घंटे में पूरी की। पदक नहीं मिला लेकिन उपस्थिति दर्ज करा दी। अगस्त 2016 में नेशनल इंटरस्टेट एथलेटिक्स में रजत पदक, सितंबर 2016 में ओपन नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
पहला सीनियर नेशनल गोल्ड जीता
देश की चंद बेहतरीन वॉकर्स में एक प्रियंका ने पहला सीनियर नेशनल स्वर्ण पदक फरवरी 2017 में दिल्ली में हुई ओपन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में जीता। यह वॉक प्रियंका ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 01:37:42 घंटे में पूरी कर ली। उसी साल जापान में हुई एशियन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में 20 किमी वाक 01:37:42 घंटे में पूरी कर वह चौथे सथान पर रहीं। इसके बाद जुलाई 2017 विजयवाड़ा में हुए नेशनल इंटरस्टेट एिालेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत कर अगस्त 2017 जाइपे में हुए वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में प्रतिभाग किया। सितंबर 2017 में ओपन नेशनल में अपनी वाक 01:40:40 घटे में पूरी कर स्वर्ण जीता।
रेलवे प्रतियोगिता में भी स्वर्ण से शुरुआत
मार्च 2018 में रेलवे का हिस्सा बनी प्रियंका ने अगस्त 2018 में इंटर रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। अब्टूबर 2018 में ओपन नेशनल में रजत पदक, फरवरी 2019 में इंटरनेशनल एंड ओपन रेस वॉकिंग चेंपियनशिप में रजत पदक जीता।
पांच दिन के अंतराल में दो प्रतियोगिता
साल 2015 में अंडर-20 आयु वर्ग में भी प्रदेश की बेस्ट एथलीट बनी प्रियंका ने अगस्त 2019 में पांच दिनों के अंतराल में दो 20 किमी वॉक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। 23 अगस्त को इंटर रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 20 किमी की वॉक एक बार फिर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 01:37:00 घंटे में पूरा कर रजत परदक जीता। पांच दिन बाद ही 28 अगस्त को लखनऊ में हुई नेशनल इंटरस्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रियंका ने रजत पदक जीता। साल 2014 से 2017 के दौरान प्रियंका ने आल इंडिया इंटश्र यूनिवर्सिटी एथलेटिकस चैंपियनशिप में दो स्वर्ण व दो रजत पदक जीते। अंतिम प्रतियोगिता फरवरी 2020 में रांची में हुई। इंटरनेशनल एंड ओपन वॉकिंग चैंपियनशिप में ही प्रियंका ने एक बार फिर व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ 20 किमी वॉक 01:31:36 घंटे में पूरी तो कर ली लेकिन ओलंपिक क्वालीफाइंग से थोड़ा पीछे रह गई थी। अब प्रियंका को अगली प्रतियोगिता का इंतजार है जिसमें वह इस सीमा को तोड़कर आगे बढ़ सकें।