गंगाजल के लिए तरसा रहा अधूरा काम
जलनिगम की नागर इकाई भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम अभी पूरा नहीं करा सकी।
मेरठ, जेएनएन। जलनिगम की नागर इकाई भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम अभी पूरा नहीं करा सकी। जिसके चलते शहरवासियों को गंगाजल आपूर्ति का अभी और इंतजार करना पड़ेगा। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने मंगलवार को महाप्रबंधक जल रतनलाल को 100 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण पर भेजा था। निरीक्षण के बाद महाप्रबंधक ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें कई काम अधूरे बताए हैं। जिसमें फिल्टर हाउस का 50 फीसद काम बाकी है। प्लांट की रंगाई-पुताई नहीं हुई। जिसे लेकर नगर आयुक्त ने नाराजगी जाहिर की। निर्देश दिया है कि प्लांट का शत-प्रतिशत काम जल्द पूरा किया जाए। प्लांट की रिपोर्ट संतोषजनक होने के बाद ही इसे चालू किया जाएगा। मालूम हो कि प्लांट 15 अक्टूबर से बंद है। डेढ़ माह बीत गए हैं लेकिन कार्यदायी संस्था प्लांट को चालू करने लायक नहीं बना सकी। जबकि पिछले तीन महीने से लगातार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा प्लांट का निरीक्षण किया जा रहा है। महापौर दो बार, सांसद एक बार, पूर्व नगर आयुक्त और वर्तमान नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, महाप्रबंधक जल, जल निगम यांत्रिकी के अधिशासी अभियंता भी निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बाद भी कार्य की स्थिति संतोषजनक नहीं है।
अमृत योजना के चार पार्को के टेंडर स्वीकृत
अमृत योजना के चार पार्को के निर्माण के लिए शासन ने टेंडर की स्वीकृति दे दी है। साथ ही नगर आयुक्त को ठेकेदारों से अनुबंध कर कार्यादेश जारी करने का निर्देश भी दिया गया है। जिससे इन पार्कों का सुंदरीकरण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि अमृत योजना के तहत गंगा नगर ब्लाक सी पार्क संख्या दो, गंगा नगर राधा गार्डन पार्क संख्या दो, पल्लवपुरम डीएच 113 फेस एक का पार्क और जागृति विहार सेक्टर-एक पार्क संख्या दो का सौंदर्यीकरण किया जाना है। जिसके टेंडर निर्माण विभाग कर चुका है। टेंडर स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन से अनुमति मिल गई है। शासन ने इन पार्कों में लगाए जाने वाले झूले समेत अन्य सामग्री व निर्माण की गुणवत्ता व मानक पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये हैं। नगर निगम के निर्माण विभाग की अधिशासी अभियंता नीना सिंह ने कहा कि इन पार्कों के निर्माण कार्य जल्द शुरू किये जाएंगे। मालूम हो कि अमृत योजना के तहत 31 मार्च तक प्रथम चरण के सारे काम पूरे किये जाने हैं। केंद्र सरकार से इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी हो चुका है।