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खतरनाक स्थिति में है वायु प्रदूषण, विषाक्त कणों से बचना है तो अपना लें ये दस उपाय Meerut News

Air Pollution in Meerut हवा में पार्टीकुलेट मैटर की मात्रा जानलेवा हो चुकी है। पीएम2.5 की मात्रा 500 छूने लगी है। ये विषाक्त कण जेनेटिक बदलाव तक कर सकते हैं। प्रदूषण की वजह से कोरोना संक्रमण घातक बनने की आशंका है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 02:02 PM (IST)
खतरनाक स्थिति में है वायु प्रदूषण, विषाक्त कणों से बचना है तो अपना लें ये दस उपाय Meerut News
वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।

मेरठ,जेएनएन। वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। हवा में पार्टीकुलेट मैटर की मात्रा जानलेवा हो चुकी है। सीओपीडी व अस्थमा के मरीजों में सांस का अटैक पड़ रहा है। पीएम2.5 की मात्रा 400-500 का आंकड़ा छू रही है, जबकि धुंध और बढ़ेगी। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उधर, प्रदूषण की वजह से कोरोना संक्रमण घातक बनने की आशंका है।

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ये हैं बचाव

1. तापमान में अचानक परिवर्तन से बचें।इससे सांस की नलिकाओं में रक्त की आपूर्ती बिगड़ती है। खर्राटे के साथ सांस फूल सकती है।

2. इन्हेंंलर साथ रखें अस्थमा के मरीजो को इन्हेलर का प्रयोग करना चाहिए। इससे पुराने मरीजों में सांस के अटैक से बचाव मिलेगा।

3. खूब पानी पिएं यह सांस की नलिकाओं की इपीथीलियम लाइनिंग को नरम रखता है। नलिकाओं में सूखापन से कफ बढ़ता है।

4. हाथ व मुंह की सफाई रखना वायरल एवं बैक्टीििरयल संक्रमण मुंह व नाक से शरीर में पहुंचकर सांस की बीमारी को बिगाड़ सकते हैं। इससे बचाव मिलेगा

5. मास्क लगाएं वायु प्रदूषण के सूक्ष्म कणों के साथ ही बैक्टीरिया व वायरस को भी शरीर में पहुंचने से रोकेगा। फ्लू से बचाव मिलेगा।

6. शुरुआती लक्षणों को पकड़ें

-बुखार, सूखे कफ और सांस में दिक्कत को नजरंदाज न करें। इससे पता चलता है कि सांस की नलियों में सिकुडऩे से शरीर में आक्सीजन की कमी पड़ रही है।

7. बीपी व शुगर की जांच करते रहें

-प्रदूषण से बीपी व स्ट्रेस भी बढ़ता है। सॢदयों में प्रदूषण के दौरान बीपी व शुगर मरीजों में हाइपर ग्लाइसेमिया देखी गई है।

8. सुबह व देर रात न निकलें सुबह और देर रात वायु प्रदूषण की मात्रा हवा में ज्यादा होती है, जिसमें चंद मिनट रहना भी खतरनाक। इससे बचना चाहिए।

9. स्वयं दवा न लें एंटीबायोटिक व एंटीपायरेटिक डाक्टर से पूछकर ही खाएं। अनावश्यक रूप से दवा लेने पर तबीयत बिगड़ सकती है।

10. धूमपान छोड़ दें -धूमपान से हाइपरटेंशन व सीओपीडी बढ़ता है। यह फेफड़ों समेत सभी अंगों के लिए अत्यंत हानिकारक है।

इन्‍होंने बताया...

दस साल में भारत में वायु प्रदूषण से प्री-मेच्योर मौतें छह गुना बढ़ गई हैं। इसमें हार्ट की बीमारियां सबसे ज्यादा हैं। नाइट्रोजन डाई आक्साइड खून की नलिकाओं को खराब करता है, जिससे कोरोनोरी आर्टरी में कैल्शियम जमा होने से दिल पर खतरा बढ़ता है। पीएम2.5 नसों को संकरा कर देता है। प्रदूषित दिनों में खुले में व्यायाम न करें।

- डा. विनीत बंसल, हृदय रोग विशेषज्ञ

मौसम में बदलाव व सर्द हवा की वजह से गले में खराश, छींक, वायरल बुखार, एलॢजक रानाइटिस व ब्रांकाइटिस जैसी बीमारियां उभर रही हैं। लोग मास्क पहनें तो बीमारियों के साथ ही प्रदूषण से भी बचाव मिलेगा। पीएम2.5 एवं पीएम10 व विषाक्त गैसों से सांस की नलियों में सूजन बनता है।

- डा. संतोष मित्तल, सांस व छाती रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कालेज 


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