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Ring Road In Meerut: एनएचएआइ की योजना में अलग तरह की है रिंग रोड, एक्सप्रेस-वे और सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में जुड़ेंगे

ऐसी योजना है कि एनएचएआइ सभी हाईवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ कर रिंग रोड बना देगा। इससे एक-दूसरे हाईवे के वाहन शहर से बाहर ही दूसरे हाईवे पर चले जाएंगे।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 09:15 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 01:03 PM (IST)
Ring Road In Meerut: एनएचएआइ की योजना में अलग तरह की है रिंग रोड, एक्सप्रेस-वे और सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में जुड़ेंगे
Ring Road In Meerut: एनएचएआइ की योजना में अलग तरह की है रिंग रोड, एक्सप्रेस-वे और सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में जुड़ेंगे

मेरठ, जेएनएन। Ring Road In Meerut मेरठ शहर को आधा दर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़ रहे हैं, पर ये मार्ग आपस में न जुड़े होने से जाम का कारण बन रहे हैं। इसका असर शहर के अंदर रोजाना दिखाई देता है। हालांकि अब इस समस्या का बहुत हद तक निदान होने वाला है। एनएचएआइ सभी हाईवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ कर रिंग रोड बना देगा। इससे एक-दूसरे हाईवे के वाहन शहर से बाहर ही दूसरे हाईवे पर चले जाएंगे। हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल को पत्र भेजा है। इसमें एनएचएआइ की योजना को भी साझा किया गया है। आइए जानते हैं एनएचएआइ की क्या योजना है जिससे सभी हाईवे आपस में जुड़कर रिंग रोड बन जाएंगे।

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एक्सप्रेस का लिंक रोड है देहरादून बाईपास

मेरठ के परतापुर तिराहे से देहरादून बाईपास शुरू होता है। यह तिराहे पर दिल्ली रोड (पूर्व एनएच-58) और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को जोड़ रहा है। यही बाईपास मेरठ से बागपत-सोनीपत राष्ट्रीय राजमार्ग-334बी एवं मेरठ-शामली-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग-709ए को आपस में जोड़ता है। एनएचएआइ ने इसे रिंग  रोड में शामिल किया है। 

बन रही डीपीआर, ऐसे जुड़ेंगे गढ़, मवाना व हापुड़ रोड

एनएचएआइ का गाजियाबाद डिवीजन, तीन हाईवे को जोडऩे के लिए ङ्क्षरग रोड की डीपीआर तैयार कर रहा है। इससे मेरठ-गढ़मुक्तेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 709ए (गढ़ रोड), मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग -235 (हापुड़ रोड) को जोडऩे के लिए बाईपास बनेगा। इसके साथ ही मेरठ-मवाना-नजीबाबाद-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग-119 (मवाना रोड) को इससे जोड़ा जाएगा। गढ़ रोड पर इसे सिसौली व हापुड़ रोड पर जाहिदपुर में इसे जोड़ा जाएगा। मवाना रोड पर यह रोड कहां जुड़ेगी इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं की गई है।

हापुड़ रोड, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे व दिल्ली रोड आपस में जुड़ेंगे

हापुड़ रोड यानी मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग-235 को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में जोड़ा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी एनएचएआइ के गाजियाबाद डिवीजन को दी गई है। हापुड़ रोड पर जाहिदपुर से लिंक रोड शुरू होगी पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में किस स्थान पर जोड़ी जाएगी इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं की गई है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को पहले से ही दिल्ली रोड यानी एनएच-58 से जोड़ा जा रहा है। इस तरह से हापुड़ रोड, दिल्ली रोड व दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे आपस में जुड़ जाएंगे।

रुड़की रोड और मवाना रोड को जोडऩे की अब बनेगी योजना

मेरठ-मुजफ्फरनगर राष्ट्रीय राजमार्ग-58 (रुड़की रोड) को मेरठ-मवाना-नजीबाबाद-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग-119 से जोड़ा जाएगा। इसे रुड़की रोड पर रामपुर सिसौदा एवं मवाना रोड पर बेहचोला से लिंक रोड से जोड़ा जाएगा। हालांकि एनएचएआइ ने स्पष्ट किया है कि इस भाग को बनाने के लिए फिलहाल कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। उधर, जब केंद्रीय मंत्री ने सभी हाईवे को आपस में जोडऩे की बात की है तो देर-सबेर इसका भी प्रस्ताव हो ही जाएगा।

संक्षेप में ऐसे समझिए रिंग रोड

मवाना रोड व किला रोड को पार करते हुए रिंग रोड गढ़ रोड पर सिसौली गांव पहुंचेगी। यहां से हापुड़ रोड के जाहिदपुर होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में जुड़ जाएगी। इन सब का प्रस्ताव एनएचएआइ बना रहा है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परतापुर तिराहे पर आ रहा है और यहां से देहरादून बाईपास पहले से ही निकल रहा है। जो पहले से ही बागपत, शामली व मुजफ्फरनगर रोड (हाईवे) से जोड़ रहा है। अब बची सिर्फ मुजफ्फरनगर रोड को मवाना रोड से जोडऩे की बात। एनएचएआइ ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया है कि यदि इस हिस्से का भी प्रस्ताव तैयार हो जाए तो एक रिंग रोड तैयार हो जाएगी।

ऐसे बदलती रही योजना और स्वरूप

इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट की परिकल्पना वर्ष 2001 में बनी थी। इसे मेरठ महायोजना-2021 में शामिल किया गया। इसके एक साल बाद 68 मीटर चौड़ी और 34 किमी. लंबी इनर रिंग रोड की तैयारी शुरू हुई। बाद में तय हुआ कि इस रोड को 45 मीटर चौड़ी रखा जाएगा। पहले इसे एमडीए को बनाना था, लेकिन समय बीतता गया। एमडीए ने धनराशि की बात की। बाद में तत्कालीन मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार के समय इसकी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई। लोनिवि ने प्रोजेक्ट शासन को भेजा, लेकिन वहां से इसे हरी झंडी नहीं मिली। प्रोजेक्ट ऐसे ही पड़ा रहा। फिर मंडलायुक्त बनीं अनीता सी मेश्राम। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को बाहर निकाला और पूरी जानकारी लेने के बाद इसे एनएचएआइ को बनाने की जिम्मेदारी दे दी। यही नहीं उन्होंने इसका स्वरूप भी बदला ताकि एनएचएआइ इसे बनाने को तैयार हो जाए। वर्तमान में ङ्क्षरग रोड के अधिकांश भाग की डीपीआर, एनएचएआइ तैयार कर रहा है।

यह है लागत और लंबाई का ब्योरा

- 34.28 किमी लंबाई है इस इनर रिंग रोड की

- 1166 करोड़ खर्च होने का है अनुमान

- 109.90 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण

- 651 करोड़ खर्च होंगे भूमि अधिग्रहण पर


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