Move to Jagran APP

बच्चों से यौन शोषण के मामले में गौड़ीय मठ के महंत की जमानत अर्जी खारिज

नौ जुलाई से जेल में निरुद्ध है मठ का महंत भक्ति भूषण गोविंद व उसका शिष्य। विशेष पोक्सो कोर्ट में विचाराधीन है मामला चार्जशीट कोर्ट में हो चुकी दाखिल।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 11:20 PM (IST)
बच्चों से यौन शोषण के मामले में गौड़ीय मठ के महंत की जमानत अर्जी खारिज
बच्चों से यौन शोषण के मामले में गौड़ीय मठ के महंत की जमानत अर्जी खारिज

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। विशेष पोक्सो कोर्ट ने बच्चों के यौन शोषण तथा मारपीट के आरोप में जेल में निरुद्ध गौड़ीय मठ महंत भक्ति भूषण के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। गिरफ्तारी के बाद नौ जुलाई से भक्ति भूषण जेल में है।

loksabha election banner

सात जुलाई को चाइल्ड लाइन 1098 की जिला समन्वयक राखी देवी को सूचना मिली थी कि शुकतीर्थ फिरोजपुर रोड स्थित गौड़ीय मठ में बच्चों का यौन शोषण किया जा रहा है। भोपा थाना पुलिस ने गौड़ीय में रह रहे उत्तर पूर्वी राज्यों के आठ बच्चों को सुरक्षित बरामद किया था। बाल कल्याण समिति ने बच्चों के बयान लेकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया था। जिसमें मारपीट व चार बच्चों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। इस पर चाइल्डलाइन जिला समन्वयक राखी देवी ने मठ संचालक भक्ति भूषण गोङ्क्षवद महाराज तथा एक अज्ञात के विरुद्ध थाना भोपा में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने फरार होने का प्रयास कर रहे मठ संचालक भक्ति भूषण व उसके शिष्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। जिसके बाद नौ जुलाई को दोनों का चालान कर दिया गया था। तब से भक्ति भूषण व उसका शिष्य जेल में है। भक्ति भूषण की और से अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विशेष पोक्सो कोर्ट के जज संजीव कुमार तिवारी की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि अभियोजन की ओर से बहस करते हुए भक्ति भूषण के जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया। तर्क दिया कि जमानत पाकर वह साक्ष्यो से छेड़छाड़ कर सकता है। बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद भक्ति भूषण के जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया।

चार्जशीट में हुई थी धाराओं की बढ़ोतरी

सीओ भोपा राजेश कुमार द्विवेदी ने मामले की विवेचना कर भक्ति भूषण के विरुद्ध 25 दिन के भीतर ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। उन्होंने चार्जशीट में जुवेनाइल एक्ट तथा एससी-एसटी की धाराओं की बढ़ोतरी की थी।

मांगी गई थी त्वरित सुनवाई की अनुमति

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विशेष परिस्थितियों में विशेष पोक्सो कोर्ट के जज संजीव कुमार तिवारी ने जिला जज को पत्र लिखकर त्वरित सुनवाई की अनुमति मांगी थी। जिस पर जिला जज ने नियमानुसार सुनवाई का आदेश दिया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.