Meerut Weather Forecast: भादो में पहली बार अच्छी बारिश होने के आसार, अभी और तीन-चार दिन होगी झमाझम
Meerut Weather Forecast मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश पर मेहरबान होने की संभावना बन रही है। भादो में पहली बार अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
मेरठ, जेएनएन। Meerut Weather Forecast: मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश पर मेहरबान होने की संभावना बन रही है। भादो में पहली बार अच्छी बारिश होने के आसार हैं। सोमवार को दिन में दो- तीन थोड़े थोड़े अंतराल की बारिश हुई। बारिश एक समान सभी क्षेत्रों में नहीं हुई। पर इस मौसमीय परिवर्तन से उमस भरी गर्मी से लोगों को जरूर राहत मिली। इसके पहले सुबह के समय तेज धूप के बीच पारा 37 डिग्री तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन बारिश की संभावना जतायी है।
दिल्ली रोड पर अच्छी बारिश
सोमवार को दोपहर एक बजे के बाद आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया था। इसके बाद कभी तेज तो कभी धीमी बारिश के दो तीन दौर आए। रात में दिल्ली रोड पर अच्छी बारिश हुई पर साकेत, फूलबाग, शास्त्रीनगर में बूंदाबांदी होकर रह गई। इस दौरान प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिली। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक रहा। वहीं आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 89 और न्यूनतम प्रतिशत 77 रहा। हालांकि रात के समय बारिश से शहर के निचले इलाकों में जलभराव हो गया।
32 प्रतिशत कम बारिश
कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में अभी तक 32 प्रतिशत कम बारिश हुई है। फसलों के ग्रोथ के लिए बारिश होना जरूरी है। बताया कि बंगाली की खाड़ी से हवाओं का प्रवाह बढ़ा हुआ है। मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के ऊपर से गुजर रही है। जिससे एनसीआर क्षेत्र में बारिश की संभावना बनी है।
बादल तो घिर-घिर कर आ रहे
मानसून मेरठ के साथ आंख-मिचौली खेल रहा है। बादल तो घिर-घिर कर आ रहे हैं लेकिन उनमें पानी बरसाने की क्षमता नहीं है। इस मौसम में तेज धूप उमस के साथ मिलकर कहर बरपा रही है। रविवार को सुबह के समय जब तक बादल नहीं छाए थे अधिकतम तापमान 37 डिग्री पहुंच गया। रविवार को दोपहर आसमान हल्के बादलों से पटा हुआ था। अधिक ऊंचाई के यह बादल काफी देर तक छाए रहे। जैसे-जैसे समय बढ़ा बादलों का रंग काला होता गया और ठंडी हवा ने मौसम का रंग अचानक बदल दिया। कहीं तेज तो कहीं हल्की बूंदाबांदी देखी गई। मौसम विभाग ने मामूली बारिश रिकार्ड की।
जुलाई और अगस्त में ही सर्वाधिक बारिश
मेरठ में अमूमन जुलाई और अगस्त में ही सर्वाधिक बारिश होती है। अगस्त का एक तिहाई समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक सात मिलीमीटर बारिश ही रिकार्ड की गई है। पिछले कई दिनों से लगातार बादल छा रहे हैं लेकिन बरस नहीं पाते। मेरठ कालेज के भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. कंचन सिंह ने बताया कि संघनन और कंडक्टिविटी दो मुख्य प्रोसेस होते हैं जो बारिश के लिए जिम्मेदार हैं। कहा कि रविवार को तापमान उच्च 37 डिग्री था जिसने आर्द्रता को ऊपर उठाने का कार्य किया। जिससे कम ऊंचाई के बादल बने और हल्की बारिश देखने को मिली। लेकिन लगातार बारिश के लिए जिम्मेदार उक्त दोनों प्रोसेस ठीक तरह से नहीं हो पाए। जिससे बारिश नहीं हुई। बताया कि बादलों में लगातार आर्द्रता के प्रवाह के लिए वन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वह वर्षा के लिए आवश्यक परिस्थिति का निर्माण करने में सहायक होते हैं। वन क्षेत्र में लगातार कटान हो रहा है। जिससे उक्त प्रोसेस बाधित हो रही है।