CAA Protest: हिंसा के आरोपित अनीस खलीफा पर रासुका की कार्रवाई, विरोध के दौरान बरसाई थीं गोलियां
सीएए को लेकर 20 दिसंबर-2019 को हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्य अनीस खलीफा ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। पुलिस ने उसपर रासुका की कार्रवाई कर दी है।
मेरठ, जेएनएन। सीएए को लेकर 20 दिसंबर-2019 को हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्य अनीस खलीफा ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। फायरिंग के दौरान कुछ लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने अनीस को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने उसपर रासुका की कार्रवाई कर दी है।
तब छह लोगों की हुई थी मौत
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को हापुड़ रोड और लिसाड़ी रोड पर हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी। आरएएफ के जवान भी गोली लगने से घायल हो गए थे। 40 रिक्रूट को बंधक बनाकर जिंदा जलाने का प्रयास किया गया, उपद्रवियों ने पुलिस चौकी भी फूंक दी थी। पुलिस जांच में सामने आया कि पीएफआइ ने हिंसा भड़काई थी। पीएफआइ सदस्य लिसाड़ी गेट के अनीस खलीफा का फायरिंग करता वीडियो वायरल हुआ था। लिसाड़ी गेट पुलिस ने 15 जनवरी-2020 को अनीस को हत्या आरोपित बनाकर जेल भेजा था। अनीस ने पूछताछ में बताया कि 1987 के दंगे में पुलिस ने उसके भाई रईस को मारा, उसी का बदला लेने के लिए उसने फायरिंग की।
बीस हजार का इनाम
इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल का कहना है कि शातिर अनीस पर 20 हजार रुपये इनाम भी घोषित किया गया था। अनीस के जेल से छूटने पर शहर की शांति को खतरा न हो, इसलिए रासुका की कार्रवाई की गई है। पुलिस ने अनीस पर रासुका के लिए डीएम को संस्तुति भेजी थी। डीएम ने रासुका की स्वीकृति दे दी। अब अनीस की रिहाई नहीं हो सकेगी।
ये है हिंसा की कार्रवाई
- 20 दिसंबर को हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हुई थी।
- 24 मुकदमे चार थानों में पुलिस और पीडि़तों की तरफ से दर्ज किए।
- 20 मुकदमों में पुलिस कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल कर चुकी
- 150 नामजद और पांच हजार अज्ञात में आरोपित बना गए
- 82 लोगों को पुलिस हिंसा के मामले में जेल भेज चुकी
इनका कहना है
पीएफआइ के सदस्य शातिर अनीस के जेल से रिहा होने पर सांप्रदायिक बवाल हो सकता है। इसके चलते रासुका की कार्रवाई की गई है।
- अखिलेश नारायण ङ्क्षसह, एसपी सिटी