Embarrassing: मेरठ में दो दुष्कर्म के मामलों में पंचायत में फैसला, एक में तीन लाख तो दूसरे पर 95 हजार का दंड़ ?
Sexual assault with two girl in Meerut एक मामले में पंचायत ने इज्जत की कीमत तीन लाख आंक दी। वहीं दुसरे में 95 हजार देने का फैसला सुना दिया।
मेरठ, जेएनएन। शनिवार को दुष्कर्म के दो ऐसे मामले सामने आए, जिनका फैसला पंचायत ने कर दिया। एक मामले में इज्जत की कीमत तीन लाख आंक दी और परिवार पर दबाव बनाया जाने लगा कि वे तीन लाख लेकर मामला रफा-दफा करें। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है पर अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं दुसरे मामले में मवाना क्षेत्र के एक गांव में शनिवार सुबह किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दिनभर बिरादरी की पंचायत होती रही। चर्चा है कि पंचायत में 95 हजार रुपये में फैसला हो गया। हालांकि अभी दोनों आरोपित पुलिस की हिरासत में हैं, लेकिन पुलिस ने न तो अभी रिपोर्ट दर्ज की है और न ही पीडि़ता का मेडिकल कराया। बताया गया है कि शनिवार सुबह गांव की एक किशोरी खेत में गई थी।
पहले मामले में मुकदमा दर्ज होने पर नहीं हुई गिरफ्तारी
दुष्कर्म की वारदात में पुलिस आरोपित को पकडऩे के बजाय पीडि़तों का ही उत्पीडऩ करती है। सरूरपुर थानाक्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को पकडऩे के बजाय पुलिस ने पीडि़त को उसके हाल पर छोड़ दिया। नतीजा, केस को दबाने के लिए गांव में पंचायत हुई, जिसमें पंचों ने पीडि़त पक्ष पर तीन लाख रुपये लेकर समझौता करने का दबाव बनाया। पीडि़त ने समझौते से इन्कार कर दिया। गांव में चर्चा है कि सफेदपोश ने आरोपित से तीन लाख रुपये लेकर अपने पास रख लिए हैं। पीडि़त परिवार ने आला अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।
मोबाइल रिचार्ज कराने गई थी युवती
एक पखवाड़ा पूर्व क्षेत्र के एक गांव में किशोरी दुकान पर मोबाइल रिचार्ज कराने गई थी। इसी दौरान दुकानदार साबिर ने उसे अपने घर बुलाकर तमंचे के बल पर दुष्कर्म किया। पीडि़त पक्ष ने साबिर पर मुकदमा दर्ज कराया था। मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने किशोरी को गांव भेज दिया। आरोप है कि गांव के एक सफेदपोश के दवाब में आकर पुलिस ने आरोपित को पकडऩे के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बताया गया है कि इस प्रकरण को लेकर शनिवार को गांव में पंचायत हुई। पंचों ने किशोरी की इज्जत की कीमत तीन लाख रुपये लगाई। पीडि़त पक्ष का कहना है कि आरोपित को गांव के एक सफेदपोश का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस भी उसके दबाव में है। इसी के चलते पुलिस ने अभी तक आरोपित के घर दबिश तक नहीं दी है।
अब थाना प्रभारी झाड़ रहे हैं पल्ला
थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि पंचायत व फैसले का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच दारोगा सलीम कर रहे थे, जिनका तबादला हो गया है। अब दूसरे दारोगा से जांच कराई जाएगी। किस सफेदपोश ने पैसे लिए हैं, इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
दुसरे मामले में पुलिस मूकदर्शक
दौड़ लगाकर लौट रहे गांव के दो युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। शोर-शराबा होने पर लोगों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया। पुलिस भी पहुंची और आरोपितों को थाने ले गई। किशोरी व आरोपित सजातीय होने के कारण गांव में दिनभर बिरादरी के लोगों में समझौते का प्रयास चलता रहा। लोगों का कहना है कि पंचायत में आरोपित पक्ष की और से पीडि़ता के स्वजनों को 95 हजार रुपये देने तय हुए है। उधर, पंचायत की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस मूकदर्शक बनी रही और समझौते के लिए समय देती रही।
एसओ थाना मवाना सतीश कुमार ने कहा कि सुबह यूपी-112 को किशोरी से दुष्कर्म की सूचना मिली थी, लेकिन देर शाम तक भी कोई तहरीर नहीं मिली। इसके चलते आगे की प्रक्रिया रुक गई। समझौता हुआ या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। दोनों आरोपित हिरासत में हैं।