कवि हरिओम पंवार ने कहा, राम हमारे भारत की पहचान हैं
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के साथ पांच सौ साल का इंतजार खत्म हुआ।
जेएनएन, मेरठ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के साथ पांच सौ साल का इंतजार खत्म हुआ। बुधवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन कर रहे थे, उस समय पूरे देश में लोगों की भावनाएं भी उमड़ रहीं थीं। ऐसे भाव विह्वल पल को यादगार बनाते हुए मेरठ के कवि डा. हरिओम पंवार ने श्रीराम पर लिखी कविता साझा की। इसमें उन्होंने श्रीराम को भारत की पहचान बताया।
डा. हरिओम पंवार ने कई साल पहले श्रीराम को समर्पित कविता लिखी थी। इसमें उन्होंने इतिहास से लेकर पौराणिक चित्रों को सामने रखने की कोशिश की है। वह लिखते हैं कि राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं।
राम हमारे भारत की पहचान हैं।
राम हमारे घट-घट के भगवान हैं।
राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं।
राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं।
मंदिर-मस्जिद पूजा के सामान हैं। डा. हरिओम पंवार राम को लोकहितकारी बताते हुए उन्हें हर रोग की दवा बताते हुए लिखते हैं कि राम दवा हैं रोग नहीं हैं सुन लेना।
राम त्याग हैं भोग नहीं हैं सुन लेना।
राम दया हैं क्रोध नहीं हैं जग वालो।
राम सत्य हैं शोध नहीं हैं जग वालो।
राम हुआ है नाम लोकहितकारी का।
रावण से लड़ने वाली खुद्दारी का। डा. हरिओम पंवार का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक स्वप्न जैसा है। इसके इंतजार में कई पीढि़यां गुजर गई। राम का हर रूप हमें प्रेरित करता है। विषम परिस्थितियों में भी वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं। श्रीराम का मंदिर वास्तव में हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक होगा।
भूमि पूजन में जैन समाज का भी प्रतिनिधित्व
जेएनएन, मेरठ। जंबूदीप हस्तिनापुर और अयोध्या तीर्थ के पीठाधीश रवींद्र कीíत स्वामीजी ने बुधवार को अयोध्या में श्रीराम मंदिर शिला पूजन समारोह में भाग लिया। उन्होंने जैन समाज एवं हस्तिनापुर का प्रतिनिधित्व किया। संस्थान के मंत्री विजय कुमार जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामीजी का अभिवादन किया एवं शुभकामनाएं दीं। संघ प्रमुख मोहन भागवत व विहिप के प्रमुख चंपतराय ने भी स्वामीजी का अभिवादन किया एवं जैन समाज का आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या तीर्थ को जैन धर्म का भी प्रमुख स्थान बताया। अयोध्या 24 तीर्थंकरों में से पांच तीर्थंकरों की जन्मभूमि भी है।