मुख्य सचिव के आदेश, रैपिड रेल को तत्काल दें जमीन, हिसाब बाद में होता रहेगा Meerut News
Rapid Rail रैपिड रेल के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को निजी लोगों से जो जमीन खरीदनी थी उसका काम तो लगभग हो गया है पर सरकारी जमीन को खरीदने में पसीने छूट गए हैं।
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को निजी लोगों से जो जमीन खरीदनी थी, उसका काम तो लगभग हो गया है, पर सरकारी जमीन को खरीदने में पसीने छूट गए हैं। कई बार इसका प्रकरण मुख्य सचिव तक पहुंचा, फिर निकाय रोड़ा अटकाए रहे। बुधवार को वर्चुअल बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने सभी संबंधित सरकारी संस्थानों को आदेश दिया है कि जहां भी सरकारी जमीन पर रैपिड रेल के लिए काम प्रस्तावित है, उसे तत्काल एनसीआरटीसी को दे दें। रैपिड रेल का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बताया कि सरकारी जमीन की कीमत और भुगतान पर बात चलती रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि पहले कीमत तय होकर भुगतान हो जाए तब जमीन सौंपी जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को बताया कि सरकारी जमीन की कीमत संबंधित विभाग तय नहीं करेंगे, बल्कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति तय करेगी।
भैंसाली बस अड्डे की वर्कशॉप में रैपिड रेल के लिए कार्य होना है, लेकिन इसका भी प्रकरण उलझा हुआ है। इसके लिए भी मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि तत्काल उस जमीन पर कार्य करने की अनुमति दें। इसी तरह से एमडीए को भी स्टेशन व बिजलीघर बनाने के लिए जमीन देने का आदेश हुआ। वर्चुअल बैठक में मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम, डीएम अनिल ढींगरा, एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल, एनसीआरटीसी, परिवहन निगम, नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल रहे।