Video Viral in Meerut: मेडिकल कॉलेज में घोर लापरवाही, बंदर ले गए कोरोना के सैंपल, संक्रमण का खतरा और बढ़ा
Watch Monkey viral Video In Meerut Medical वायरल वीडियों में बंदर पेड़ पर लैब असिस्टेंट से सैंपल का बैग छीनकर पेड़ पर चढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। साथ ही किट भी चबा रहा है।
मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड की तमाम अव्यवस्थाओं और वहां भर्ती कोरोना पीडि़तों की परेशानी के वीडियो वायरल होने के बाद भी मेडिकल कालेज प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसी का परिणाम रहा कि गत मंगलवार को कोविड वार्ड से मरीजों का लिया गया सैंपल कर्मचारी से छीनकर बंदर ले गए। बंदर पेड़ पर बैठकर सैंपल किट दस्ताने आदि की चीरफाड़ करते रहे और चबाते रहे। मेडिकल कालेज प्रशासन ने दो दिन तक मामले को दबाए रखा और मरीजों का दोबारा ब्लड सैंपल लिया। राजफाश तब हुआ जब गुरुवार को वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने सफाई देनी शुरू की। बंदरों के जरिए संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
यहां समझें पूरा मामला
मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज भर्ती हैं जिनके 26 मई को ब्लड सैंपल लिए गए थे। लैब असिस्टेंट एक झोले में ब्लड सैंपल लेकर कोरोना वार्ड के सामने स्थित केंद्रीय लैब में जमा करने जा रहा था। इसी बीच बंदरों ने हमला बोल दिया और बैग छीनकर पेड़ पर चढ़ गए। लैब असिस्टेंट के साथ खड़ा व्यक्ति वीडियो बनाने लगा, जिसे गुरुवार देर रात वायरल कर दिया। शुक्रवार को कैंपस में हड़कंप मच गया। मेडिकल कालेज प्रशासन हरकत में आया और एक टीम उन बंदरों की खोजबीन में जुट गई, जिसने सैंपल छीना था। हालांकि कोई सफलता नहीं मिली। लैब असिस्टेंट के मुताबिक उसने बंदरों द्वारा सैंपल छीनने की सूचना सीएमएस डा. रचना चौधरी व एसआइसी डा. धीरज बालियान को दे दी थी। मेडिकल प्रशासन ने लैब असिस्टेंट को वीडियो वायरल करने एवं सैंपलों को लापरवाही से ले जाने के लिए नोटिस थमाया है। उसके खिलाफ बड़ी कारवाई हो सकती है। मामला वायरल होने पर प्राचार्य डा. एसके गर्ग ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ आपात मीटिंग की।
बढ़ सकता है संक्रमण
अगर बंदरों में वायरस संक्रमित हुआ तो जमीन से जंगल तक संक्रमण फैल सकता है। बंदरों से संक्रमण कुत्तों, बिल्लियों एवं मवेशियों में भी फैल सकता है। बता दें कि बाघों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बंदरों की जेनेटिक संरचना 98 फीसद आदमी से मिलती है। वैक्सीन के ट्रायल में सिद्ध हो चुका है कि बंदर कोरोना से संक्रमित होते हैं।
मेडिकल कालेज के डाक्टरों का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज के गले व नाक के स्वैब का सैंपल बेहद संक्रामक है, लेकिन उनका ब्लड लेने वालों की पीपीई किट और दस्ताने संक्रमित हो सकते हैं। वीडियो में बंदर यही खाते नजर आ रहे हैं। जेनेटिक सांइस के जानकारों का कहना है कि मनुष्यों की तरह बंदरों में भी एसीई-2 रिसेप्टर होते हैं, जिनके सहारे वायरस शरीर में दाखिल होता है। उनका तर्क है कि जब कोरोना बाघों में हो सकता है तो बंदर की जेनेटिक संरचना पूरी तरह आदमी से मिलती है। विदेशों में बंदरों को कोरोना पॉजिटिव बनाकर वैक्सीन के ट्रायल किए गए हैं।
इनका कहना है.....
बंदरों ने कोरोना मरीजों के ब्लड जांच का सैंपल छीना था। कोरोना ब्लड से नहीं फैलता और अब तक बंदरों में संक्रमण के कोई प्रमाण नहीं हैं। किंतु फिर भी यह वाकया खतरनाक है। 26 मई का मामला अब कैसे प्रकाश में आया। इसमें लैब टेक्नीशियन की भूमिका की जांच होगी। उसे नोटिस दिया गया है। बंदरों को पकडऩे के लिए नगर निगम व वन विभाग को पत्र भेजा गया है।
- डा. एसके गर्ग, प्राचार्य, मेडिकल कालेज