स्वयं से संवाद का अनोखा अवसर है लॉकडाउन
लॉकडाउन परिवार संग समय बिताने का अनूठा अवसर तो है ही। साथ ही स्वयं के साथ संवाद करने का भी मौका है। विशेषज्ञों की मानें तो यह समय एकांत में बैठकर आत्ममंथन करने का अति उत्तम अवसर है। कई लोग ऐसा कर भी रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन परिवार संग समय बिताने का अनूठा अवसर तो है ही। साथ ही स्वयं के साथ संवाद करने का भी मौका है। विशेषज्ञों की मानें तो यह समय एकांत में बैठकर आत्ममंथन करने का अति उत्तम अवसर है। कई लोग ऐसा कर भी रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान जब हर कोई घर पर रहने को मजबूर है, ऐसे में कई लोग परिवार के साथ घर में ही रचनात्मक कार्य कर रहे हैं। बागवानी से लेकर, लेखन, अध्ययन से सकारात्मक ऊर्जा को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे मन में कई तरह के विचार जन्म लेते हैं। अगर हम उन पर विचार करें तो हमें स्वयं के व्यक्तित्व के विषय में कई बातें मालूम होंगी। जिससे हमें खुद को समझकर एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिलेगी। कई बार हम अपने जीवन में कुछ लक्ष्य बनाते हैं, लेकिन समय के अभाव में उन्हें भूल जाते हैं। यह सही समय है उन पर विचार कर उन्हें पाने की कोशिश करने का। चाहे वह कोई छात्र हो या फिर कोई व्यवसायी यह महत्वपूर्ण अवसर है भविष्य की तैयारी का। इसे आजमाएं
अकेलापन और एकांत में फर्क होता है। अकेलापन अवसाद का कारण बन सकता हैं, लेकिन अगर उसका सृजनात्मक उपयोग किया जाए तो कई नए विचार सामने आ सकते हैं। ऋषि मुनियों की एकांत साधना इसका उदाहरण है। जीवन की भाग दौड़ में हम अपने अनेक शौक भूल जाते हैं। यह वह स्वर्णिम अवसर है जब हम उन्हें पूरा कर सकते हैं। आप संगीत सुनने, अपनी मनपसंद पुस्तक पढ़ने, योग-ध्यान से लेकर व्यायाम से खुद का शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत कर सकते हैं। जो फिर देर किस बात की लॉक डाउन का लाभ उठाते हुए अपनी ऊर्जा संगठित करें। इस समय का आनंद लें।
डा. सम्यक जैन, वरिष्ठ न्यूरो साइकियाट्रिस्ट