Coronaeffect: जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है अखबार, अफवाहों से रखता है दूर Meerut News
अखबारों के बारे में फैल रहे सोशल मीडिया पर अफवाह ने लोगों का ध्यान तो ध्यान अपनी ओर खींचा है। पर घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अखबार पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 संक्रमण से जूझ रही दुनिया के सामने उबरने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब सब कुछ एक जगह थम जाए। ऐसे दौर में भ्रामक सूचनाएं बहुत तेजी से फैलती हैं, जिससे बचना और दूसरों को बचाना हमारा सामाजिक कर्तव्य है। गत दिनों सोशल मीडिया में घूमा हुआ एक संदेश पढ़ा, जिसमें अखबारों एवं पत्रिकाओं से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह उड़ा दी गई। ऐसी भ्रामक सूचनाओं का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता। अखबार पूरी तरह सुरक्षित होता है। इस पर कोई संक्रमण हो भी नहीं सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का लॉकडाउन किया है, जिसका सभी को पालन करना जरूरी है। ऐसे वक्त में अखबार पढ़ना और भी जरूरी बन जाता है। इससे हमें सटीक जानकारियां मिलती हैं। अखबारों का भी अपना सामाजिक उत्तरदायित्व है, जिसे बड़ी खूबी से निभाया जाता है। दुनियाभर की सूचनाएं हमें सुबह चाय पीने के साथ अखबारों में मिल जाती हैं। ये हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन जाता है। शिक्षा एवं धर्म से भी जुड़ी कई खबरें होती हैं। सभी से अपील है कि वे कोरोना की महामारी से बचने के लिए घरों में रहें। कहीं, इधर-उधर न निकलें। व्यक्ति समाज स्वस्थ रहेगा तो समाज स्वस्थ होगा। राष्ट्र फिर से प्रगति की राह चल देगा।
डा. एसके गुप्ता वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ
अफवाह दूर करने के लिए जरूरी
फूलबाग कालोनी स्थित अपने आवास पर दैनिक जागरण पढ़ते कुश्ती प्रशिक्षक डा. जबर सिंह सोम। वह कहते हैं इस समय जब हम घर पर हैं तो सारी सही सूचना अखबार के माध्यम से मिल रही हैं। लोगों तक सही सूचना पहुंचाने के लिए यह जरूरी है ।
सही सूचना के लिए जरूरी
कैंट स्थित अपने आवास पर दैनिक जागरण अखबार पढ़ते सीईओ प्रसाद चव्हाण। उनका कहना है कि स्थानीय खबरें अखबारों के माध्यम से मिलती हैं। इस समय जब कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन है, लोगों तक सही सूचना पहुंचनी चाहिए। अखबार पूरी तरह से सुरक्षित है। छावनी की जनता को अपने घरों में रहने के साथ अपने व्यक्तिगत साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।