Meerut Lockdown Day 5: सरधना से अम्बेडकर नगर जमात में गए 50 लोग लौटे, आइसोलेशन में रहने की हिदायत Meerut News
मेरठ में लॉकडाउन के दौरान सरधना से अम्बेडकर नगर आए जमात में 50 लोगों को वापस कर दिया गया है। डीएम ने इनकों आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी है।
मेरठ, जेएनएन। 12 मार्च को नगर के नवाब गढ़ी, कमरा नवाबन, ऊँचापुर समेत कई मोहल्लो के 50 लोग आम्बेडकर नगर जमात में गए थे। डीएम से अनुमति लेकर इन नगर में बुलाया गया है। इनके आते ही सभी का सीएचसी में परीक्षण कराया गया। सभी को फिलहाल आइसोलेशन में रहने की हिदायत देकर घर भेज दिया है।
प्रशासन ने दिए निर्देश
एक तरफ कोरोना के बढ़ते प्रकोप के निदान के लिए लॉकडाउन को सफल बनाने में लगा हुआ है। वहीं दुसरी ओर लोग इसे लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। रविवार को जमात में गए लोगों के घर आने के बाद प्रशासन उनपर नजर बनाए हुए है। साथ ही निर्देश देते हुए प्रशासन ने कहा है कि जितना हो सके वे अपने आपको अकेले ही रखें। दुसरों से दूरी बनाकर रहें। किसी से हाथ न मिलाएं। इसके अलावा कहा कि वे खुद को सैनिटाइज करते रहे। ताकि किसी तरह की परेशानी न हो। डीएम ने कहा है कि अगर किसी तरह की तबीयत खराब होने पर तुरंत सूचना देने को कहा है।
सरधना आए करीब 50 जमातियों को किया रवाना
इनकी सीएचसी अस्पताल में जांच के दौरान किसी तरह की कोई गड़बडी नहीं मिली है। लेकिन फिर भी प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है। इस कारण प्रशासन सभी नजर बनाए हुए है। दूसरी और जौनपुर से जमात में सरधना आये करीब 50 जमातियों को भी रवाना किया गया है। साथ ही इनसे पुरे एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
बाहर से लौटे लोग घरों में ही हो रहे आइसोलेट
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली, नोएडा समेत आसपास राज्यों से घर लौटे लोगों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शेल्टर हाउस नहीं खोला गया। बल्कि कुछ लोग स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में घर पर ही 14दिनों के लिए आइसोलेट हुए हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो चुपचाप बिना जांच के रह रहे हैं।
लॉकडाउन लगने के बाद जयपुर, दिल्ली, नोएडा और मथुरा आदि राज्य से लगभग दो हजार से अधिक लोग मवाना, हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़, फलावदा आदि स्थानों पर पहुंच गए हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इनके लिए गांव के बाहर कोई इंतेजाम अलग से शेल्टर हाउस आदि का नहीं किया गया है। बल्कि घरों में थर्मल स्कैनर द्वारा परीक्षण कर घरें में 14 दिनों के लिए सुरक्षित रहने की व्यवस्था के दावे किए जा रहे हैं। शनिवार रात गाजियाबाद के डासना से मवाना के मोहल्ला मुन्नालाल लौटी मुस्कान ने बताया कि वहां फैक्टरी में काम कर रही थी लेकिन काम बंद होने उसे खाने के भी लाले पड़ गए।
पैसे खत्म हो गए तो वह पैदल ही यहां से निकल पड़ी और विभिन्न कठनाई सहते हुए यहां पहुंच गई। जबकि इसी मोहल्ले के पीयूष जैन ने बताया कि वह मेरठ फैक्टरी में काम करता था लेकिन काम बंद होने पर फंस गया और मकान मालिक भी परेशान करने लगे तो घर के लिए पैदल ही निकल पड़ा। उधर, वीरनगर निवासी नफीस ने बताया दिल्ली में कबाड़े का काम करता था लेकिन वह बंद होने से कई दिनों तक यहां फंसा रहा लेकिन वह पैदल ही निकल पड़ा। मुन्नालाल पुत्र यासीन निवासी मोहल्ला लाल निवासी दिल्ली में पल्लेदारी करता था लेकिन काम बंद होने पर वह पैदल ही यहां पहुंचा है। जबकि चैन्नई से यहां पहुंचे निजाम ने बताया की वह वहां कपड़ों की फेरी करता था और लॉकडाउन में वह वहां फस गया। उसी रात वह ट्रक आदि से चला किसी तरह बच्चों के साथ दिल्ली पहुंचा। आखिर जब कोई निकलने का साधन नहीं मिला तो एंबुलेंस से यहां पहुंचा हूं। सीएचसी प्रभारी डा. सतीश भास्कर ने बताया कि बाहर से आए लोगों के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है। बल्कि घरों पर ही स्वास्थ्य परीक्षण कर सुरक्षित रहने की हिदायत दी है।