University program: पुरातन और आधुनिक ज्ञान से भविष्य में करेंगे तरक्की Meerut News
शुक्रवार को विश्वविद्यालय को संबोधित करते हुए कानपुर आइआइटी से आए प्रो. वाईएस मूर्ति की पुण्यतिथि पर कहा कि केवल पुरातन ज्ञान के सहारे आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
मेरठ, जेएनएन। पुरातन और आधुनिक ज्ञान को एक साथ लेकर भविष्य में हम उन्नति कर सकते हैं। केवल पुरातन ज्ञान के सहारे आगे नहीं बढ़ सकते हैं। यह कहना है आइआइटी कानपुर से आए प्रो. डीपी मिश्र का। जो चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित सेमिनार और प्रो. वाईएस मूर्ति की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
शुक्रवार को बृहस्पतिभवन में सेमिनार के उद्घाटन सत्र में प्रो. मिश्र छात्र- छात्रओं के बीच जाकर उनसे बात की। कहा कि वर्तमान की जरूरत को देखते हुए काम करना होगा। वनस्पति विज्ञान के पूर्व शिक्षक डी.बनर्जी ने प्रो. वाईएस मूर्ति के कुछ संस्मरण सुनाए। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि प्रो. मूर्ति के कार्यो को आगे बढ़ाना चाहिए। विभागाध्यक्ष डा. रूप नारायण ने सभी का धन्यवाद किया। प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने वनस्पति विज्ञान विभाग की 51 वर्ष की यात्र पर प्रकाश डाला। इस दौरान विवि के शिक्षक, छात्र - छात्रएं उपस्थित रहे।
जमीन तक पहुंचे शोध
सेमिनार के दूसरे सत्र में डा. मनीष ने विज्ञान का मकसद बताया। डा. नवनीत ने कहा लैब में वैज्ञानिक जो रिसर्च करते हैं, अगर वह जमीन तक नहीं पहुंचता है तो रिसर्च को सफल नहीं कहा जा सकता है। आज नए-नए परीक्षण हो रहे हैं। इसमें जागरूक होने की जरूरत है।
गरीब छात्रों को आगे बढ़ाएंगे
सेमिनार के बाद शाम को पुरातन छात्र सम्मेलन में विभाग के कुछ पुरातन छात्र पहुंचे। पुरातन छात्रों ने तय किया कि वह हर साल एक निश्चित राशि जुटाकर गरीब छात्रों की मदद करेंगे। गरीब छात्र के पढ़ने से लेकर उसके रिसर्च के लिए पुरातन छात्र अपने फंड से मदद करेंगे। उन्होंने यह भी निर्णय लिया कि विज्ञान की छोटी-छोटी बातों को छात्रों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। छात्रों को शैक्षिक भ्रमण भी कराएंगे। वनस्पति विज्ञान विभाग में पुरातन छात्रों के लिए एक कमरा बनाया गया है। जिसका उद्घाटन किया गया। शाम को छात्र-छात्रओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया।