मेरठ से उड़ान परियोजना : बजट में एक रुपये की भी उड़ान न भर पाए 10 सूरमा Meerut News
मेरठ से उड़ान परियोजना सरकार ने जमीन खरीद को धनराशि देना तो दूर टोकन मनी भी नहीं दी। पिछले साल का टेंडर निकला चुनावी।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ से उड़ान की परियोजना एक बार फिर आसमान से औंधे मुंह गिर पड़ी है। सत्ताधारी दल के 10 बड़े सूरमा इस जिले में हैं। इनमें तीन सांसद, छह विधायक व एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं। सभी ने एलानिया दावा किया, लेकिन बजट में धनराशि दिला पाना तो दूर एक रुपये की टोकन मनी तक की व्यवस्था भी नहीं करा सके।
मेरठ से हवाई उड़ान के सपने का जो हश्र हुआ है, उससे यही लग रहा है कि पिछले साल जो टेंडर हुआ, वह चुनावी था। पिछले साल 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आनन-फानन में मेरठ को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में शामिल किया गया। टेंडर करके जूम एयरवेज का चयन हुआ। चुनाव बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हवाई पट्टी का निरीक्षण करके मास्टर प्लान तैयार किया। अब इसके बाद शुरू हुआ इसके हश्र का सिलसिला।
झोल इतने हैं कि बजट तो मिलना ही नहीं था
- पिछले साल अप्रैल में मास्टर प्लान तैयार हो गया था, उसके बाद आकलन प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने इस साल ठीक उस समय भेजा, जब प्रदेश सरकार का बजट तैयार हो चुका था। ऐसे में बजट में शामिल होने का मतलब ही नहीं बनता।
- जब 72 सीटर विमान के हिसाब से जमीन खरीद का आकलन प्रस्ताव तैयार हो रहा था, तब उसी समय शासन ने निर्णय लिया कि मेरठ से 20 सीटर विमान उड़ाया जाएगा। शासन ने 20 सीटर के हिसाब से नए सिरे से प्रस्ताव मांगा।
- भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जब डीएम पर दबाव बनाया तो 72 सीट वाला प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
- लेकिन दबाव पर भेजे गए प्रस्ताव का क्या मतलब जब शासन ने नए सिरे से 20 सीटर का प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया हो।
- ऐसे में टोकन मनी का भी कोई मतलब नहीं रह जाता जब तक कि प्रस्ताव की स्थिति स्पष्ट न हो।
- पिछले साल शासन से एक पत्र जिला प्रशासन को भेजा गया कि अनुपूरक बजट में मेरठ के उड़ान प्रस्ताव के लिए धनराशि देना चाहती है, जिसके लिए प्रस्ताव भिजवा दें। इसके बाद भी प्रस्ताव नहीं गया।
इन्होंने बताया
अब भी उम्मीद है। मुख्यमंत्री से मिलकर उड़ान पर फिर बात करेंगे। विधायक भी अपने स्तर से मांग रखेंगे। मेरठ को बहुत कुछ मिला है। गंगा एक्सप्रेस-वे, रैपिड रेल, इनर ङ्क्षरग रोड, मेडिकल कॉलेज आदि के लिए बजट मिला है।
-राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड़
सरकार से मांग की थी कि प्रस्ताव भेजने में देरी हुई है तो एक रुपये टोकन मनी की व्यवस्था हो जाए। अब अगले बजट से उम्मीद है। सरकार अगले साल से सहारनपुर, मेरठ व अयोध्या से उड़ान शुरू करने की तैयारी कर रही है। रीजनल कनेक्टिविटी के तहत मेरठ चयनित है। इसलिए परियोजना पूरी होगी। पूरे प्रदेश के लिए 92 करोड़ 50 लाख मिले हैं, इसमें से भी कुछ न कुछ मेरठ को मिलेगा।
- डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
कोशिश की गई थी, लेकिन सफल नहीं हो पाए। फिर बात करेंगे। जरूरत को रखा जाएगा। प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ है, बल्कि आगे के लिए कहा गया है। फिर भी कनेक्टिविटी समेत कई परियोजनाओं के लिए मेरठ को बजट मिला है।
- सत्यवीर त्यागी, विधायक किठौर
पिछले साल के संशोधित बजट में मेरठ का नाम था। अभी बजट के बारे में विस्तृत घोषणाएं मुख्यमंत्री खुद सात मार्च को करेंगे। उसमें मेरठ को शामिल करने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलेंगे। उड़ान, खेल विश्वविद्यालय, इनर ङ्क्षरग रोड की मांग रखेंगे। इस बजट में पांच बड़े कार्य मेरठ के शामिल हैं।
- डा. सोमेंद्र तोमर, विधायक दक्षिण क्षेत्र।