GST: विलंब से रिटर्न पर पेनाल्टी से होगी करोड़ों की रिकवरी Meerut News
रिटर्न फाइल विलंब से फाइल करने पर वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा भारी पेनाल्टी लगाने से करदाता हतप्रभ हैं। मेरठ क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपये की वसूली लक्ष्य है।
मेरठ, जेएनएन। रिटर्न फाइल विलंब से फाइल करने पर वस्तु एवं सेवा कर विभाग द्वारा भारी पेनाल्टी लगाने से करदाता हतप्रभ हैं। इनपुट क्रेडिट को समायोजित किए बिना पूरे टैक्स पर विलंब शुल्क ब्याज सहित देने के डिमांड लेटर जारी किए जा रहे हैं। मेरठ क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपये की वसूली लक्ष्य है।
यह है मामला
मान लीजिए एक व्यापारी को माल की खरीद पर 10 लाख रुपये इनपुट क्रेडिट लेना है। माल की बिक्री के बाद व्यापारी पर आठ लाख रुपये टैक्स जमा करना निश्चत होता है। सामान्य स्थितियों में व्यापारी रिटर्न फाइल करता है तो वह 10 लाख रुपये की आइटीसी में आठ लाख रुपये समायोजित कर देता है, फिर भी उस पर दो लाख शेष रहते हैं। अर्थात उसे बैंक में नकद टैक्स शून्य जमा करना है। लेकिन अगर किसी कारणवश व्यापारी ने विलंब से रिटर्न फाइल किया है तो उसे 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी देनी चाहिए। लेकिन इस डिमांड लेटर में इतना ही नहीं, बल्कि टैक्स जमा की जाने वाली धनराशि शून्य होने के बावजूद उसे आठ लाख रुपये पर तीन दिन का ब्याज भी देने का फरमान जारी किया जा रहा है। इसे दूसरे रूप में भी देखा जा सकता है। अगर टैक्स देनदारी 12 लाख की है, तो 10 लाख आइटीसी समायोजित करने पर दो लाख पर पेनाल्टी लगनी चाहिए, लेकिन वह 12 लाख पर लग रही है।
स्पोर्ट्स और हैंडलूम व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित
रिकवरी के इस फरमान से सबसे ज्यादा स्पोर्ट्स और हैंडलूम व्यापारी प्रभावित हैं। स्पोर्ट्स उद्यमी 18 प्रतिशत टैक्स देकर माल खरीदते हैं और उत्पाद बनने के बाद उस पर केवल 12 प्रतिशत टैक्स देना होता है। ऐसे में उन्हें टैक्स नकद जमा नहीं करना पड़ता, बल्कि उनका आइटीसी पोर्टल पर बैलेंस रहता है। लेकिन जिन व्यापारियों ने रिटर्न फाइल करने में विलंब किया है, देनदारी न होने के बावजूद उन्हें पांच प्रतिशत टैक्स की धनराशि पर ब्याज देना होगा। सीए काजल मंगा ने बताया कि कई मामले ऐसे हैं जिसमें हमने दो हजार रुपये टैक्स देनदारी तय की थी उनमें 40 हजार रुपये जमा करने का नोटिस आया है।
इनका कहना है
इस मामले में केंद्र सरकार ने संशोधन विधेयक पास कर दिया है, लेकिन नोटीफिकेशन न होने से मार व्यापारी पर पड़ रही है। अधिकारी वसूली को लेकर किसी भी प्रकार की शिथिलता बरतने के मूड में नहीं हैं।
- केपी सिंह, सीए
टैक्स पर ब्याज वसूली के निर्देश उच्च स्तर से आए हैं। इसके तहत करोड़ों की धनराशि रिकवरी की जाएगी।
- डा. यशोवर्धन पाठक, अपर आयुक्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग