लापरवाही की हद : अब अफसर दिला रहे सस्ती बिजली की मौज Meerut News
दुरुपयोग रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू होनी थी लेकिन अफसरों ने अभी तक हथकरघा कनेक्शनों की न तो सूची तैयार की है और न ही संयुक्त सर्वे करके पात्रों की तलाश का कार्य शुरू किया है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। वर्ष 2006 में सपा सरकार द्वारा शुरू की गई बुनकर बिजली कनेक्शन योजना का प्रदेश में जमकर दुरुपयोग हुआ। मात्र 65 रुपये प्रति हार्सपावर प्रतिमाह के बिल पर बड़ी-बड़ी पावरलूम फैक्ट्रियां दौड़ती रहीं। आलम यह हो गया कि सब्सिडी की राशि का नियमित भुगतान करने के बाद भी हथकरघा विभाग 4200 करोड़ से अधिक राशि का आज भी कर्जदार है। सरकार ने अब व्यवस्था बदलकर बिजली की लूट को खत्म करने की घोषणा की है। लेकिन अब अफसरों की लेटलतीफी इसमें बाधा बनी है। एक जनवरी से नई व्यवस्था लागू होनी थी, लेकिन अफसरों ने अभी तक हथकरघा कनेक्शनों की न तो सूची तैयार की है और न ही संयुक्त सर्वे करके पात्रों की तलाश का कार्य शुरू किया है।
अब रसोई गैस की भांति बैंक खाते में पहुंचेगी सब्सिडी
पुरानी व्यवस्था के मुताबिक पूरे प्रदेश में बुनकर बिजली कनेक्शन धारक मात्र 65 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह का बिल जमा करता था और बिजली हर महीने लाखों रुपये की फूंकता था। इस बिजली की मौज बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां भी ले रही थीं। नई व्यवस्था के मुताबिक अब बुनकर कनेक्शन पर स्थापित प्रत्येक मशीन पर प्रतिमाह 840 रुपये (60 इंच से बड़ी मशीन) और 420 रुपये (60 इंच से छोटी मशीन) की सब्सिडी सीधे बुनकर के बैंक खाते में दी जाएगी। जबकि बुनकर को बिजली कनेक्शन का पूरा बिल पावर कारपोरेशन को जमा करना होगा।
एक जनवरी से होनी थी लागू, अभी सर्वे तक नहीं किया
सरकार ने नई व्यवस्था को एक जनवरी 2020 से लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही इसमें बाधा बन गई है। योजना को लागू करने से पहले प्रत्येक बुनकर कनेक्शन का हथकरघा विभाग और पावर कारपोरेशन के अफसरों की संयुक्त टीम को निरीक्षण करके वहां स्थापित मशीनों का सत्यापन करना था। साथ ही बुनकर कनेक्शनों की सूची नए सिरे से तैयार करके प्रति माह दी जाने वाली सब्सिडी की राशि का आकलन करना था। योजना लागू की तिथि से 40 दिन ज्यादा हो गए। लेकिन अफसरों ने कुछ नहीं किया है।
सौंपी सूची, सर्वे का प्लान बताएंगे पावर अफसर
हथकरघा विभाग के सहायक निदेशक सुनील यादव ने बताया कि हथकरघा विभाग ने उपलब्ध बुनकरों की सूची पावर कारपोरेशन को सौंप दी है। अब उक्त सूची का पावर अफसरों को अपने डाटा से मिलान करना है। उसके बाद दोनों विभागों की संयुक्त टीम एक-एक कनेक्शन का सर्वे करके वहां उपलब्ध मशीनों का सत्यापन करेगी। जिसके आधार पर ही सब्सिडी की राशि का निर्धारण किया जा सकेगा।
मेरठ मंडल में 8500 कनेक्शन
बिजली की लूट मची तो 2012 तक प्रदेश में बुनकर कनेक्शनों की संख्या 1.25 लाख से भी ज्यादा पहुंच गई। सख्ती हुई तो अब इस संख्या में कमी आई है। मेरठ मंडल में बुनकर कनेक्शनों की संख्या लगभग 8500 है।
बुनकर आवेदन करेंगे तो हम देंगे प्रमाण-पत्र
दोनों विभागों द्वारा बुनकर कनेक्शनों का संयुक्त सर्वे अभी नहीं किया गया है। इससे पहले यदि कोई बुनकर आवेदन करता है तो हथकरघा विभाग उसके कनेक्शन का निरीक्षण करके उसे प्रमाणपत्र जारी करेगा। जिसके आधार पर वह बिजली विभाग में सब्सिडी की मांग कर सकता है।
- सुनील यादव, सहायक निदेशक हथकरघा