Move to Jagran APP

बुलंदशहर में बच्‍ची से दरिंदगी करने वाले को मात्र 80 दिन में मिली 20 साल की सजा

बुलंदशहर में डिबाई के एक गांव की 11 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ था। आठ दिन में पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी 24 दिन हुआ ट्रायल।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:38 PM (IST)
बुलंदशहर में बच्‍ची से दरिंदगी करने वाले को मात्र 80 दिन में मिली 20 साल की सजा
बुलंदशहर में बच्‍ची से दरिंदगी करने वाले को मात्र 80 दिन में मिली 20 साल की सजा

बुलंदशहर, जेएनएन। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्पेशल पॉक्सो एक्ट वीरेंद्र कुमार की अदालत ने मंगलवार को मात्र 80 दिन में एक दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाई। 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

loksabha election banner

यह है मामला

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने मंगलवार की शाम प्रेसवार्ता कर बताया कि 25 जून को छतारी थानाक्षेत्र के गांव डिडौरा विश्वनाथपुर निवासी 52 वर्षीय चंद्रपाल पुत्र गौथी सिंह डिबाई क्षेत्र के एक गांव में पहुंचा। यहां से आरोपित ने अपने चाचा के घर सो रही 11 साल की बच्ची को उठाया और एक सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किया। मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस ने आरोपित को तीन दिन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद आठ दिन में चार्जशीट अदालत में पेश की गई। चार्जशीट पेश होने के बाद 24 दिन तक ट्रायल चला। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता ने बचाव के कई प्रयास किए, लेकिन पुलिस के ठोस सुबूत के आगे बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुछ नहीं कर पाए। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं और गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने यह निर्णय दिया है।

कोरोना न होता तो और जल्दी होती सजा

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल होने के कारण इस फैसले में देरी हुई। यदि कोरोना के कारण अदालत बंद न होती तो और भी जल्द फैसला आता। मुकदमे की पैरवी में सीओ डिबाई वंदना शर्मा का भी सहयोग रहा। एसएसपी का कहना है कि इतने कम समय में आने वाला जिले का यह पहला फैसला है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.