20 हजार गड्ढों को चाहिए 30 करोड़ का मरहम
बरसात के बाद नेशनल हाईवे से लेकर नगर निगम की गलिया बदहाल हैं। ऐसा ही हाल नगर पालिका, पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का है।
मेरठ : सरकार सड़कों की मरम्मत के लाख दावे करे, लेकिन असल स्थिति बेहद खराब है। बरसात के बाद नेशनल हाईवे से लेकर नगर निगम की गलिया बदहाल हैं। ऐसा ही हाल नगर पालिका, पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का है। जिम्मेदार विभाग अपने स्तर से मरम्मत के नाम पर कागजी खानापूर्ति करने में लगे हैं। आकलन में मुताबिक जिले की सड़कों की मरम्मत के लिए तत्काल करीब 30 करोड़ रुपये की जरूरत है।
सड़कों को चकाचक बनाने के लिए प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है, लेकिन तमाम घोषणाओं के बाद भी धरातल पर कोई असर नजर नहीं आ रहा है। रही सही कसर बारिश ने पूरी कर दी। इसलिए बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत के लिए अभियान भी चलाया गया था, लेकिन घटिया सामग्री का प्रयोग होने से बरसात में भरे गड्ढे फिर से चौड़े हो गए। हाईवे के साथ निगम की अधिकांश मुख्य सड़कों के साथ गलियों तक में गड्ढे ही गड्ढे हैं। सड़क निर्माण से जुडे विभागों के आकलन के मुताबिक एनएच से लेकर देहात तक की सड़कों में करीब 20 हजार गड्ढे हैं, जिनकी मरम्मत के लिए तत्काल 30 करोड़ रुपये की जरूरत है। उधर, प्रदेश सरकार ने सड़कों की मरम्मत के लिए सड़क निर्माण से जुडे़ सभी विभागों को सख्ती से आदेशित किया हुआ है। साथ ही हर माह सड़कों की मरम्मत कार्य की समीक्षा भी लखनऊ स्तर से हो रही है। बावजूद इसके कागजी मरम्मत ने सड़कों को अधिक घायल कर दिया है। बह गए निगम के तीन करोड़
नगर निगम ने बरसात से पहले क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के नाम पर तीन करोड़ का बजट खर्च किया था। कुछ मुख्य सड़कों पर काम होता भी नजर आया, लेकिन बरसात के बाद अब सड़कें फिर से गड्ढों में तब्दील हो गई हैं। मरम्मत न होने के कारण अब यही गड्ढें लगातार चौड़े हो रहे हैं। हाईवे का हाल भी खराब
मेरठ-मवाना रोड अब एनएच-119 में बदल चुका है। हाईवे घोषित होने के बाद भी इस मार्ग की हालत सबसे अधिक खराब है। पिछले दिनों चले धरना-प्रदर्शन के बाद इस मार्ग की मरम्मत की गई थी, लेकिन बरसात ने फिर से सड़क को गड्ढों में बदल दिया है। ऐसा ही हाल बेगमपुल से मोदीपुरम पुल तक की रोड का है। रुड़की रोड पर पीएसी नाले से मोदीपुरम पुल तक टूटी सड़क से पत्थर निकलकर दूर तक बिखर गए हैं। बरसात के मौसम में इस सड़क पर करीब दो फिट पानी भर गया था। कुछ यही हाल मेरठ-दिल्ली रोड का भी है।
प्रस्ताव में कैद है सड़कों की मरम्मत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, ग्रामीण अभियंत्रण, जिला पंचायत, मंडी समिति, गन्ना समिति आदि ने एनएच से लेकर नगर की गलियों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। सड़क निर्माण से संबंधित विभागों ने 30 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे हैं, जबकि निगम अपने स्तर से करीब चार करोड़ रुपये सड़कों की मरम्मत पर खर्च करेगा। अभी शासन से मरम्मत बजट को अनुमति नहीं मिली है। बजट के मुख्य प्रस्ताव
12 करोड़ - रोहटा रोड निर्माण
3 करोड़ - दिल्ली रोड मरम्मत
5 करोड़ - 30 मुख्य रोड की मरम्मत
3 करोड़ - निगम की रोड मरम्मत
7 करोड़ - ग्रामीण क्षेत्र की रोड मरम्मत जिले में सड़कों की स्थिति
निगम की सड़क - 3 हजार किमी
लोनिवि की रोड - 15,00 किमी
पालिका, पंचायत की सड़क - 45,00 किमी
ग्रामीण क्षेत्र की सड़क - छह हजार किमी इन्होंने कहा--
सड़कों की मरम्मत के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया है। साथ ही सड़कों की स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट तलब की गई है। कई सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। शीघ्र ही सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी।
-अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी बागपत रोड की मरम्मत कर गड्ढा मुक्त किया जा चुका है। रोहटा रोड के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। अन्य सड़कों की मरम्मत का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
-प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता, लोनिवि