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बच्चों के पढ़ाई और ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन करेगा लर्निग आउटकम टेस्‍ट Meerut News

प्राथमिक उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के लिए लर्निग आउटकम टेस्ट आयोजित की जा रही है। टेस्ट से बच्चों के पढ़ाई और ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन होगा।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:22 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:22 PM (IST)
बच्चों के पढ़ाई और ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन करेगा लर्निग आउटकम टेस्‍ट Meerut News
बच्चों के पढ़ाई और ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन करेगा लर्निग आउटकम टेस्‍ट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के लिए लर्निग आउटकम टेस्ट आयोजित की जा रही है। इस टेस्ट से बच्चों के पढ़ाई और ज्ञान के स्तर का मूल्यांकन होगा। केंद्र सरकार की इस मुहिम के अंतर्गत प्रदेश व्यापी यह टेस्ट सभी जिलों में होगा। इस टेस्ट में कक्षा पांच, छह, सात और आठ के बच्चे हिस्सा लेंगे। इस टेस्ट से जहां बच्चों के ज्ञान का स्तर पता चलेगा वहीं देश भर में प्रदेश की बेसिक शिक्षा के स्तर का भी मूल्यांकन होगा। नेशनल असेस्मेंट सर्वे (एनएएस) 2017-18 में प्रदेश को 180 में से 132 अंक ही मिले थे। इसे एनएएस 2020 में और बढ़ाने की तैयारी जोरों पर शुरू हो गई है।

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आठ नवंबर को होगा टेस्ट

जिले में लर्निग आउटकम का टेस्ट आठ नवंबर को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक स्कूलों में ही होगा। परीक्षा में प्राथमिक विद्यालयों से कक्षा पांचवीं और उच्च प्राथमिक से कक्षा छह, सात और आठवीं के बच्चे हिस्सा लेंगे। पांचवीं के बच्चों का लर्निग आउटकम आंकलन हिंदी, अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषयों पर आधारित प्रश्नों से होगा। उच्च प्राथमिक के बच्चों का आकलन हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों पर होगा। प्राथमिक व जूनियर के पेपर में 50-50 प्रश्न 120 अंकों के होंगे। बहुविकल्पीय व लघुउत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे।

दो बार होगा मूल्यांकन

लर्निग आउटकम सत्र 2019-20 में दो बार की जाएगी। सितंबर का टेस्ट आठ नवंबर को होगा रहा है। इसके बाद फरवरी में भी एक टेस्ट होना है। अगले सत्र से हर महीने त्रैमासिक मूल्यांकन में कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों का टेस्ट होगा। इस सत्र टेस्ट में बच्चों की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन बीटीसी प्रशिक्षु करेंगे।

होगी स्कूलों की ग्रेडिंग

मूल्यांकन परिणाम के आधार पर कक्षा पांच से आठवीं तक हर बच्चे के प्रतिशत से कक्षा का औसत प्रतिशत और कक्षाओं के औसत प्रतिशत से स्कूल का औसत प्रतिशत निकलेगा। इसी तरह विकासखंड और जिले का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। अंकों के अनुरूप स्कूलों की ग्रे¨डग होगी। विद्यालयों से ही शिक्षकों का ग्रेड भी बनेगा। इसी कड़ी में 2020-21 से शिक्षकों के विषयवार व कक्षावार मानव संपदा पोर्टल से लिंक होने पर शिक्षकों का रिपोर्ट भी तैयार किया जा सकेगा।

इनका कहना है

लर्निग आउटकम टेस्ट की तैयारियां जोरों पर चल रही है। पूरे प्रदेश में यह टेस्ट हो रहा है। इसके रिजल्ट के आधार पर ही बच्चों, शिक्षकों, स्कूलों व जिले के साथ ही प्रदेश की ग्रेडिंग भी तय होगी।

- सतेंद्र कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मेरठ 


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