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नगर निगम के घोटालों पर घिरे अफसर, पार्षदों ने किया जमकर हंगामा Meerut News

रविवार को नगर निगम की बैठक में एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों के हंगामे के बाद नगर आयुक्‍त ने कई मामलों में ठेकेदार को भुगतान करने पर रोक लगा दी है।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 09:43 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 09:43 AM (IST)
नगर निगम के घोटालों पर घिरे अफसर, पार्षदों ने किया जमकर हंगामा Meerut News
नगर निगम के घोटालों पर घिरे अफसर, पार्षदों ने किया जमकर हंगामा Meerut News

मेरठ, जेएनएन। चूना, डस्टबिन और सफाई कर्मचारियों की भर्ती में घोटाले को लेकर सुर्खियों में रहे नगर निगम में एक बार फिर घोटालों के आरोपों की झड़ी लग गई। रविवार को हुई बोर्ड बैठक में गोशाला में चारा, झूला, पार्किंग, बीओटी होर्डिग और मशीनों की खरीदी के मामले को लेकर पार्षदों ने सदन में हंगामा किया। आरोपों से घिरे अफसरों के सही जवाब न देने पर नगर आयुक्त ने कई मामलों में ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने के साथ जांच बैठा दी है।

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वंदेमातरम से बैठक की शुरुआत

सुबह साढ़े दस बजे महापौर सुनीता वर्मा और नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौररिसा टाउनहाल स्थित तिलक हॉल पहुंचे। वंदेमातरम के साथ बोर्ड बैठक शुरू हुई। पार्षद ललित नागदेव ने रविवार को बैठक रखने पर सवाल किया तो महापौर ने कहा कि विशेष परिस्थिति में यह बैठक की जा रही है। पार्षद राजेश रोहेला ने परतापुर बराल में चल रही गोशाला में गोवंशों को दिए जा रहे चारे में घोटाले का आरोप लगाया। गोवंशों को सूखा भूसा दिए जाने के फोटो लहराए और वीडियो सदन में दिखाई।

पार्षदों ने किया हंगामा

मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने निगम का पक्ष रखते हुए बताया कि वर्तमान गोशाला में 352 गोवंश हैं। टेंडर 800 गोवंशों के हिसाब से हुआ है। प्रतिमाह लगभग छह लाख रुपये चारे पर खर्च हो रहा है। पहले महिला सेवा समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब यह अक्षय एसोसिएट के पास है। इतने में पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामले में नगर आयुक्त ने जांच बैठाने के साथ भुगतान पर रोक लगा दी। इसके बाद पार्षद संजय सैनी ने शहर के पार्को में 85 लाख रुपये की से झूले लगवाए जाने में भी घोटालों के आरोप लगाए। 80 लाख के अन्य कामों में भी गोलमाल का आरोप लगाया।

जांच के बाद ही होगा भुगतान

नगर आयुक्त ने कहा कि जांच के बाद ही भुगतान होगा। वहीं, कूड़ा निस्तारण के लिए 26 लाख की मशीन खरीदने में भी पार्षदों ने घोटाले के आरोप लगाए। जिस पर भी जांच की बात कही गई। साथ ही भविष्य में बिना सदन से अनुमति के मशीने न खरीदने का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया। अवैध पार्किंग का मामला भी उठा। कहा कि मेडिकल कॉलेज रोड पर निजी अस्पताल सड़क पर पार्किंग का शुल्क ले रहे हैं। जो अवैध है।

वकीलों का पैनल निरस्त करने का प्रस्ताव

होर्डिग को लेकर बोर्ड बैठक में पार्षदों ने हंगामा किया। होर्डिग के बीओटी के ठेके को लेकर सवालों पर अधिकारी बगले झांकते रहें। पार्षदों ने आरोप लगाए कि जब बीओटी की शर्तें पूरी नहीं हुई तो फिर अभिनव एडवरटाइजिंग एजेंसी का ठेका कैसे चलता रहा। इस पर विज्ञापन प्रभारी राजेश सिंह ने निर्माण विभाग पर ठीकरा फोड़ दिया। कहा कि टूटे डिवाइडर सही कराने, पेंट कराने का काम निर्माण का था। डिवाइडर पर लाइटों की देखरेख का काम पथ प्रकाश विभाग का था। इसी बात को लेकर मुख्य अभियंता निर्माण यशवंत कुमार ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। हाइकोर्ट में निगम की पैरवी कमजोर होने पर पार्षदों ने इस मामले में अधिवक्ताओं के पैनल बदलने की मांग उठाई। जिसके बाद अधिवक्ताओं का पैनल निरस्त करने के प्रस्ताव पर सहमती दे दी गई। पार्षद अब्दुल गफ्फार ने वार्डो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं 12करोड़ के काम हुए हैं तो किसी वार्ड में एक करोड़ का विकास कार्य भी नहीं हुआ है।

हापुड़ रोड के पेट्रोल पंप से ही तेल क्यों

हापुड़ रोड स्थित होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी के पेट्रोल पंप से तेल लेने का मामला उठा। हालांकि बोर्ड बैठक में ज्ञानेंद्र के पेट्रोल पंप से तेल न लेने का प्रस्ताव पास हो चुका था। सदन ने फिर प्रस्ताव पास किया कि हापुड़ रोड के पेट्रोल पंप से तेल नहीं लिया जाएगा। अवैध होर्डिग को लेकर ड्रोन कैमरे से निगरानी की बात पार्षदों ने उठाई।

इन प्रस्तावों पर बनी सहमति

हाई कोर्ट में बीओटी के ठेके की पैरवी के लिए वकीलों का नया पैनल बनाया जाएगा।

नगर निगम सदन की सहमति से ही किसी भी प्रकार की मशीनों को खरीदा जाएगा।

हर वार्ड में 50-50 घरों में कंपोस्टिंग यूनिट की शुरुआत कराई जाएगी।

अस्थाई खत्तों को समाप्त किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तीन काम्प्रेक्टर खरीदे जाएंगे।

निगम की दुकानें कैसे कर्मचारियों को आवंटित हो गईं। इसकी जांच कराई जाएगी।

हापुड़ रोड स्थित पुराने कमेले की जमीन का उपयोग बालिका डिग्री कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए किया जाएगा।

117, 6 बी का उपयोग केवल आपातकाल की स्थिति में ही किया जाएगा।

नगर निगम की दुकानों का किराया डीएम सर्किल रेट के आधार पर संशोधित किया जाएगा।

एमडीए की कालोनियों को हस्तांतरण के लिए नगर निगम कार्रवाई शुरू करेगा।

प्रबंधन की जमीन पर शासकीय अनुदान से बारात घर, कामन सर्विस सेंटर और गल्र्स हास्टल बनाया जाएगा।

भुगतान से पहले प्री-ऑडिट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

वाहन डिपो प्रभारियों को हटाकर नए प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी।

कबाड़ हो चुके लोहे के डस्टबिन की रिपेयरिंग कराई जाएगी।

तेल भूमाफिया के पेट्रोल पंप से

जिला प्रशासन द्वारा घोषित भूमाफिया ज्ञानेंद्र चौधरी के पेट्रोल पंप से ईधन न लेने का प्रस्ताव भले ही बोर्ड बैठक में पास कर दिया गया है, लेकिन निगम के वाहनों में तेल अभी भी यहीं से भरा जा रहा है। होर्डिग ठेकेदार व भूमाफिया के हापुड़ रोड स्थित पेट्रोल पंप से ही नगर निगम के दिल्ली रोड डिपो, सूरजकुंड डिपो और जलकल के वाहनों में ईधन लिया जाता है। हर माह नगर निगम लगभग 60 लाख रुपये का भुगतान करता है। एक मात्र पेट्रोल पंप पर निगम के अफसरों ने मेहरबानी लंबे समय से दिखा रखी है।

अफसरों की मेहरबानी

स्थिति ये है कि दिल्ली रोड, सूरजकुंड डिपो के वाहन ईधन लेने के लिए 20 से 25 किमी. की दूरी तय करते हैं। जिससे नगर निगम पर अतिरिक्त व्यय का भार भी उठाना पड़ रहा है। इसके बाद भी नगर निगम के अफसरों की मेहरबानी बरकरार है। अभी भी निगम प्रशासन वाहन डिपो के समीप स्थित पेट्रोल पंपों से ईधन लेने के मामले में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा है। नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया का कहना है कि बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है। अब दूसरे पेट्रोल पंपों से ईधन लेने के निर्णय पर जल्द मुहर लगाई जाएगी। लेकिन कब तक यह काम होगा। अभी यह भी सुनिश्चित नहीं है। मालूम हो कि एक पेट्रोल पंप से निगम 80 फीसद ईधन ले रहा है।

फागिंग के लिए दवा खत्म

बैठक में फांगिग न होने का मामला उठा। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि दवा खत्म हो गई है। 100 लीटर दवा के लिए टेंडर किया गया है। दो-तीन दिन में आपूर्ति हो जाएगी। मलेरिया विभाग की मदद ली जा रही है। जिस पर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया।

आउटसोर्स कर्मचारियों को 12000 वेतन

आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों की तर्ज पर निगम के अन्य आउटसरेस कर्मचारियों को भी 12000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। यह प्रस्ताव सदन में पास किया गया है।

महिला पार्षद भी खुलकर बोलीं

इस बार सदन की बैठक में महिला पार्षदों ने भी चुप्पी तोड़ी। पार्षद पूनम गुप्ता, सविता गुर्जर, नाजरीन, स्वाती बंसल समेत अन्य महिला पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याएं उठाईं। 


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