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पार्किंग का प्रस्ताव मांग रही सरकार, मेरठ जमीन बिन लाचार

सरकार ने मेरठ में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए प्रस्ताव व डीपीआर मांगी हैं लेकिन जमीन उपलब्ध न होने से शासन के पत्र को दबाकर रख दिया गया है। मेरठ

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:25 AM (IST)
पार्किंग का प्रस्ताव मांग रही सरकार, मेरठ जमीन बिन लाचार
पार्किंग का प्रस्ताव मांग रही सरकार, मेरठ जमीन बिन लाचार

मेरठ, जेएनएन। सरकार ने मेरठ में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए प्रस्ताव व डीपीआर मांगी हैं, लेकिन जमीन उपलब्ध न होने से शासन के पत्र को दबाकर रख दिया गया है। शहर में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था न होने से जाम की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सड़कों के किनारे वाहन खड़े कर दिए जाते हैं, तो बाजारों में भी इधर-उधर वाहन खड़े रहते हैं। इससे अन्य वाहनों को निकलने में दिक्कत होने से जाम लगा रहता है। जून में आया था पत्र, सभी जिम्मेदारों को मिला

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जून 2019 में ही प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण ने पत्र भेजा था। इसमें पार्किंग, फुटओवरब्रिज आदि के लिए प्रस्ताव मांगे थे। इस पत्र के मुताबिक प्रस्ताव व डीपीआर भेजने पर शासन अपनी अवस्थापना निधि से धनराशि आवंटित करेगा। इससे प्रस्तावित कार्य पूर्ण हो सकेंगे। यह पत्र मंडलायुक्त, डीएम, नगर आयुक्त, प्राधिकरण वीसी व आवास विकास परिषद के अधिकारी को भेजे गए थे। मल्टीलेवल पार्किंग के 25 करोड़ हुए थे वापस

बात 2015 की है। तत्कालीन अखिलेश सरकार ने विजन-2016 नाम से योजना बनाई और मेरठ में मल्टीलेवल पार्किंग के लिए 25 करोड़ आवंटित कर दिए। एमडीए ने घंटाघर के पास टाउनहॉल में पार्किंग बनाने का प्रस्ताव बनाया, लेकिन इसी बीच एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई। टाउनहॉल को ऐतिहासिक करार देते हुए वहां पार्किंग बनाने से मना कर दिया गया। अन्य जगह भी जमीन तलाशी गई लेकिन कामयाब नहीं हुए और धनराशि वापस चली गई। इस जमीन पर भी नहीं बनी थी बात

-कैंट स्थित बंगला नंबर 173

-मेनका टॉकीज

-आबू नाला

-एमडीए परिसर मेरठ महायोजना- 2021 में ये स्थान किए थे चिह्नित

-बेगमपुल के पास आबू नाला

-घंटाघर के पास टाउनहॉल

-नगर के मुख्य मार्गो पर पार्किंग स्थलों का निर्माण 100 मीटर दूर बनने थे रिक्शा स्टैंड

मेरठ महायोजना- 2021 में यह लक्ष्य रखा गया था कि मुख्य मार्गो व चौराहों से 100 मीटर दूर रिक्शा या तांगा स्टैंड बनाया जाएगा। यह महायोजना नगर निगम, परिवहन निगम समेत सभी विभागों की बातचीत के बाद ही बनती है, लेकिन यह प्लान कागज तक ही सीमित रखा गया। रिक्शे रोड पर खड़े होने से अन्य वाहनों को जगह नहीं मिलती। इससे भी जाम की समस्या गहरा रही है। शहर में किस प्रकार के वाहनों का है दबाव

वाहन के प्रकार फीसद

दो पहिया 29.4

कार, वैन, टेम्पो 25.3

ट्रक 20

छोटे मोटर वाहन 13.4

बस, मिनी बस 5.6

तिपहिया 3.7

ट्रैक्टर आदि 2.4

अन्य 0.1

(स्रोत- सर्वे 2007-एनसीआर प्लानिंग बोर्ड) नगर निगम से अधिकृत यहां है पार्किंग

-शॉप्रिक्स मॉल

-कैलाशी हॉस्पिटल

-सूरजकुंड

-टाउन हॉल

-मूलचंद हॉस्पिटल

-युग हॉस्पिटल

-पश्चिमी कचहरी

-एचडीएफसी बैंक

-मिमहेंस हॉस्पिटल एमडीए की ओर से पार्किंग

-कोई नहीं इन बाजारों में है पार्किंग की खास जरूरत

-सराफा बाजार

-वैली बाजार

-सेंट्रल मार्केट

-भगत सिंह मार्केट

-आबूलेन

-सदर बाजार

इसके साथ ही कलक्ट्रेट, कचहरी, पुलिस कार्यालय जैसे सार्वजनिक स्थलों पर भी पार्किंग की सख्त जरूरत है।


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