तेल माफिया की हो सीबीआइ जांच, प्रदर्शन
पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल तेल माफिया के विरोध में उतर आया है। मंडल के पदाधिकारियों ने मंगलवार को तेल माफिया के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। मेरठ
मेरठ, जेएनएन। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल तेल माफिया के विरोध में उतर आया है। मंडल के पदाधिकारियों ने मंगलवार को तेल माफिया के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग को लेकर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
उनका आरोप था कि पिछले 20 सालों में मेरठ जिले के अंदर और आसपास के जिलों में तेल का काला कारोबार बहुत बड़ी मात्रा में फला-फूला है। जिसमें मिलावट कर बड़ी मात्रा में नकली तेल तैयार किया जाता था। उसे पेट्रोल पंपों द्वारा जनता तक पहुंचाया जाता था। आम जनता अपने वाहनों में उस नकली डीजल व पेट्रोल को डलवाकर कुछ ही सालों में अपने वाहनों से हाथ धो बैठती थी। मात्र दो-दो सालों में ही ट्रकों व वाहनों के इंजन सीज हो जाते थे।
ट्रांसपोर्ट व्यापारी बड़ी संख्या में नकली तेल के शिकार हुए। यही नहीं 25-25 लाख के ट्रक दो सालों में ही कबाड़ बन गए। उनका कहना था कि जिले के पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने तेल माफिया का पर्दाफाश करके एक अच्छा कार्य किया है। उनके काले कारनामों को जनता के सामने तक लाए। परंतु अभी भी पूरी सच्चाई सामने नहीं आयी है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की गहराई तक जाने के लिए सीबीआइ से जांच कराई जाए। प्रदर्शन व ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष पं. आशु शर्मा, मनजीत सिंह कोछड़, रीना पटेल आदि शामिल रहे। मिलावटी पेट्रोल की जांच को अब बढ़ेगा एसआइटी का दायर
मेरठ : मिलावटी पेट्रोल प्रकरण एसआइटी में तैनात पुलिसकर्मी पूरे प्रकरण की तह तक नहीं पहुंच पा रहे है, ऐसे में आइजी ने कप्तान को आदेश दिए है कि एसआइटी का दायरा बढ़ा दिया जाए। ताकि पेट्रोल खरीदने वालों पर भी कार्रवाई हो सकें।
20 अगस्त को आइजी आलोक सिंह के आदेश पर वेदव्यासपुरी में पारस केमिकल और देवपुरम में गणपति पेट्रोकैम पर छापाकर 2.20 लाख लीटर मिलावटी पेट्रोल पकड़ा था। मौके से पुलिस ने आरोपित राजीव जैन, श्वेत, उमेश, तफशीराम, प्रदीप गुप्ता, आकाश गर्ग, आनंद प्रकाश, रविंद्र कुशवाह, राजवीर और राजकुमार को जेल भेज दिया। गुड्डू और नितिन जैन का नाम प्रकाश में आने पर उसे भी जेल भेज दिया था। आरोपित राजीव जैन पर रासुका लग चुकी है, जबकि बाकी सभी आरोपित जमानत पर छूट चुके है। उधर, पूरे प्रकरण की विवेचना कर रही एसआइटी पूरे मामले को समझ नहीं पा रही है। आइजी आलोक सिंह ने एसआइटी का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। कप्तान अजय साहनी ने बताया कि एसआइटी का विस्तार कर दो अतिरिक्त दारोगा बढ़ाए जा रहे है, जो तेल के खेल की तह तक की जांच करेंगे। तेल कहां बेचा गया, किस किस ने खरीदा। सभी पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।