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गोबर व कूड़े से अटा है डीएन कॉलेज के सामने वाला नाला

डीएन कॉलेज के सामने से ईदगाह तक जाने वाला नाला अभी भी कूड़े और गोबर से अटा हुआ है। सोमवार को बारिश होने से स्थिति बदतर हो गई। जबकि नगर निगम की छोटी पोकलेन मशीन इस नाले पर अक्सर खड़ी दिखाई देती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 06:27 AM (IST)
गोबर व कूड़े से अटा है डीएन कॉलेज के सामने वाला नाला
गोबर व कूड़े से अटा है डीएन कॉलेज के सामने वाला नाला

मेरठ, जेएनएन : डीएन कॉलेज के सामने से ईदगाह तक जाने वाला नाला अभी भी कूड़े और गोबर से अटा हुआ है। सोमवार को बारिश होने से स्थिति बदतर हो गई। जबकि नगर निगम की छोटी पोकलेन मशीन इस नाले पर अक्सर खड़ी दिखाई देती है। यदि हाल रहा तो 27 जुलाई जैसी बारिश यह नाला नहीं झेल पाएगा और उसका गंदा पानी व गोबर घंटाघर रोड पर जमा हो जाएगा।

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डीएन कॉलेज के सामने से गुजरने वाले नाले में पानी की जगह हमेशा गोबर व कूड़ा बहता रहता है। इसमें आसपास की डेयरियों का गोबर व दुकानदारों द्वारा कूड़ा भी फेंका जाता है। दिल्ली रोड ऊंची होने के कारण जब भी बारिश की वजह से नाला उफनाता है तो उसका गंदा पानी घंटा घर रोड की ओर बह जाता है। वैसे तो इस नाले का फ्लो ईदगाह की ओर है लेकिन घंटाघर रोड ढलान में होने के कारण गंदा पानी उधर भी चला जाता है। यह नाला ऐसा है जो कभी साफ दिखाई नहीं देता जबकि यहां पर यात्री शेल्टर के पास एक पोकलेन मशीन अक्सर खड़ी दिखाई देती है। इस मशीन के अक्सर खड़ी रहने का मतलब यह है कि या तो विधिवत सफाई नहीं होती। या फिर एक-दो फीट सफाई करके ही खानापूर्ति कर दी जाती है। नाले के तल से सिल्ट नहीं निकाली जाती जिससे उसमें बहाव ढंग से नहीं हो पाता है। दूसरा कारण यह भी है कि इस नाले में डेयरियों का गोबर रोजाना आता रहता है, जिससे जितना गोबर निकाला जाता है उतना ही गोबर व कूड़ा फिर आ जाता है। हालांकि गोबर व कूड़े को नाले में डालने से रोकने का काम भी नगर निगम का ही है। यदि समय से गलियों से कूड़ा उठने लगे तो लोग शायद ही नाले में कूड़ा डालें। बहरहाल, नाले की जो स्थिति है उससे यही लग रहा है कि यदि पिछले साल की 27 जुलाई जैसी बारिश हो गई तो इस नाले का पानी दिल्ली रोड को भी डुबो देगा। ईदगाह क्षेत्र में स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी। इन्होंने कहा-

डीएन कॉलेज के सामने के नाले की लगातार सफाई कराई जा रही है। डेयरियों का गोबर लोग इस नाले में बहा देते हैं। नाले में सिल्ट नहीं है। इसमें सिर्फ गोबर व कूड़ा ही है।

-डा. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी


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