Move to Jagran APP

रोहित सांडू को पुलिस कस्‍टडी से भगाने की प्लानिंग में शामिल बाफर के राजदार हैं दो सिपाही Meerut News

कुख्यात भूपेन्द्र बाफर ने दो पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में रोहित सांडू को भगाने की प्लानिंग की थी। इन दोनों पुलिसकर्मियों से अधिकारी पूछताछ करेंगे और सच का पता लगाएंगे।

By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 01:33 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 01:33 PM (IST)
रोहित सांडू को पुलिस कस्‍टडी से भगाने की प्लानिंग में शामिल बाफर के राजदार हैं दो सिपाही Meerut News
रोहित सांडू को पुलिस कस्‍टडी से भगाने की प्लानिंग में शामिल बाफर के राजदार हैं दो सिपाही Meerut News
मेरठ, [सुशील कुमार]। कुख्यात भूपेन्द्र बाफर ने दो पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में रोहित सांडू को भगाने की प्लानिंग की थी। सांडू को पुलिस कस्टडी से भगाने के दौरान घायल हुए शुभम को उपचार दिलाने के समय भी दोनों पुलिसकर्मी उसके साथ थे। यानी बाफर की सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मी उसके हर राज से राजदार थे। उसके बावजूद भी पुलिसकर्मियों ने बाफर के बारे में कोई जानकारी तक नहीं दी। बाफर की गिरफ्तारी के बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने पुलिस लाइन में आमद करा दी है। साइलेंट तरीके से पुलिस दोनों पुलिसकर्मियों से भी पूरे मामले की जानकारी जुटा रही है। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी तय मानी जा रही है।
सुशील मूंछ से बताया था जान का खतरा
कुख्यात भूपेन्द्र बाफर को देहरादून से एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कुछ समय पहले ही बाफर जमानत पर आया था। तभी उसने अपने प्रतिद्वंद्वी सुशील मूंछ से जान का खतरा बताया था, जबकि भूपेंद्र बाफर के खिलाफ सात हत्या के मामले में दर्ज हैं। उसके बावजूद भी कुख्यात की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी सतीश और अमित लगा दिए गए थे। पुलिस पूछताछ में भूपेन्द्र बाफर ने बताया कि पानीपत में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रोहित को भगाने की प्लानिंग की थी। उस समय भी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी बाफर के साथ थे।
हर राज की थी जानकारी
हैरत की बात यह है कि रोहित को पुलिस कस्टडी से भगाने के बाद घायल हुए शुभम को कंकरखेड़ा में डाक्टर आरसी भाटी के घर उपचार कराने के बाद दौरान भी पुलिसकर्मी साथ थे। यानी बाफर के हर राज की जानकारी पुलिसकर्मियों को थी। उसके बावजूद भी पुलिसकर्मियों ने विभाग को कोई जानकारी तक नहीं दी। सबसे अहम बात यह है कि बाफर की गिरफ्तारी के दौरान भी सिपाही अमित और सतीश उसके साथ थे।
टीम कर रही पुलिसकर्मियों से पूछताछ
मुजफ्फरनगर पुलिस बाफर को अपने साथ ले गई, तब दोनों पुलिसकर्मियों ने लाइन में आमद कराकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। प्रतिसार निरीक्षक होरी लाल ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की आमद कर ली गई है। उन्हें दूसरे कार्य में लगा दिया है। दोनों पुलिसकर्मियों से मुजफ्फरनगर पुलिस की टीम ने पूछताछ की है। माना जा रहा है कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
और बन गया डॉन
पश्चिम उप्र के डॉन भूपेंद्र बाफर और सुशील मूंछ जान के दुश्मन बने हुए हैं, जबकि छात्र जीवन से ही दोनों एक दूसरे के दोस्त हुआ करते थे। बाफर ने ही सुशील मूछ और बदन सिंह बद्दो को आपस में मिलवाया था। सुशील मूंछ के करीबी यशपाल राठी की हत्या के बाद दोनों में दरार आ गई थी। यशपाल राठी की हत्या में भूपेंद्र बाफर का हाथ सामने आया था। हाल में सुशील मूंछ से बदला लेने के लिए ही रोहित सांडू को छुड़वाया गया था।
पढ़ाई के दौरान मूंछ से हुई दोस्‍ती
बाफर गांव के प्रोफेसर राजेंद्र का एक बेटा इंजीनियर हैं, जबकि दूसरा बेटा भूपेंद्र बाफर डॉन। प्रोफेसर ने भूपेंद्र को भी पढ़ा लिखाकर अच्छे काम में लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन मेरठ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही भूपेंद्र की दोस्ती सुशील मूंछ से हो गई थी। पढाई पूरी करने के बाद 1985 में भूपेंद्र बाफर पुलिस के रिकार्ड में आ गया था। हैदराबाद के आदिलपुर में डकैती की दो वारदातों को अंजाम दिया। इसी वर्ष रामपुर के कुंड में डकैती की वारदात की। दो साल बाद मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन में जानलेवा हमले में नामजद किए।
ये रहा अपराधनामा
1991 में मुजफ्फरनगर और 92 में देहरादून में एक-एक हत्या की। 1993 में गाजियाबाद के मसूरी और 94 में देहरादून के सहसपुर से अपहरण किया। 2005 में जानी थाना क्षेत्र में एक हत्या की। 2007 में मुजफ्फरनगर और बिजनौर में एक-एक हत्या का मुकदमा दर्ज किया। इसी वर्ष मेरठ में पुलिस पर हमला और तोड़फोड़ का मुकदमा भी उसके खिलाफ लिखा गया। 2011 में सदर बाजार क्षेत्र में संजय गुर्जर की हत्या में भूपेंद्र बाफर का नाम भी प्रकाश में आया था, जिसमें बदन सिंह बद्दो और पपीत नामजद थे। इसमें भूपेंद्र को जेल जाना पड़ा। संजय गुर्जर के भाई अजय ने समझौता कर लिया, जिससे बाफर जमानत पर रिहा गया गया।
बदन सिंह से अनबन के बाद सुशील मूंछ से किया किनारा
2012 में लालकुर्ती क्षेत्र में व्यवसाय के कब्जे को लेकर पवित्र मैत्रे की हत्या कराई। 2013 में भूपेंद्र की बदन सिंह से अनबन हो गई। तब ही सुशील मूंछ से किनारा कर लिया। इसी वर्ष बाफर ने बदन सिंह पर अजय गुर्जर के सहयोग से हमला कराया, जिसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.