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ना-ना करते आखिर साथ रहने को राजी हुए दंपती

ना-ना करते आखिरकार साथ रहने को दंपती तैयार हो गए। राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान शनिवार को कचहरी में इन 12 परिवारों को टूटने से बचाने की पहल सार्थक साबित हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 09:00 AM (IST)
ना-ना करते आखिर साथ रहने को राजी हुए दंपती
ना-ना करते आखिर साथ रहने को राजी हुए दंपती

मेरठ, जेएनएन : ना-ना करते आखिरकार साथ रहने को दंपती तैयार हो गए। राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान शनिवार को कचहरी में इन 12 परिवारों को टूटने से बचाने की पहल सार्थक साबित हुई। जब इन 12 दंपतियों को समझा बुझाकर घर साथ-साथ भेजा गया तो इनके चेहरे पर भी मुस्कान छा गई। साथ ही उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली कि आखिर उनका परिवार बिखरने से बच गया।

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जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनिल कुमार पुंडीर की अध्यक्षता में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी न्यायालय परिसर, मेरठ, सरधना व मवाना तहसील में किया गया। अदालत में शनिवार को परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायधीश अब्दुल शाहिद की अध्यक्षता में 43 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया। जिसमें 12 पक्षकारों को समझा बुझाकर व गिले-शिकवे दूर कराकर साथ-साथ घर भेजा गया। इसी प्रकार अतिरिक्त परिवार न्यायालय द्वारा कुल पांच वैवाहिक वाद तथा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा नौ घरेलू हिसा वाद निस्तारित किए गए।

राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी, फौजदारी एवं राजस्व न्यायालयों द्वारा कुल 44,909 वादों का निस्तारण किया गया। साथ ही प्रीलिटीगेशन स्तर पर बैंक व अन्य वसूली मामलों में समझौता धनराशि के रूप में 2,50,98,309 रुपए मुआवजा वसूल किया गया। मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 76 वादों का निस्तारण कर पीड़ित पक्षकारों को 2,66,52,000 रुपये का मुआवजा प्रतिकर के रूप में दिलाया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पुंडीर ने कुल 26 वाद निस्तारित किए। जिसमें दो मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण कर 16 लाख रुपए पीड़ित पक्षकारों को प्रतिकर के रूप में दिलाए गए।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अभय प्रकाश नारायण ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालयों द्वारा 74 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण किया गया। साथ ही 2,50,52,00 रुपये पीड़ित पक्षकारों को प्रतिकर के रूप में दिलाया गया। जनपद न्यायालय में कुल 147 व्यवहारिक वादों का निस्तारण किया गया।

लोक अदालत में जिले के विभिन्न बैंकों ने कचहरी परिसर में अपने ग्राहकों की सुविधा के लिये प्री-लिटिगेशन वादों के निस्तारण के लिए कैम्प लगाकर समझौता आदि करने का प्रयास करते हुए ग्राहकों से समझौता कर लाखों की वसूली कर अपने बैंक को लाभ पहुंचाया। जिसमें निलेश कुमार एजीएम पीएनबी, एसके गोयल, एमएस रावत, प्रिया पंवार, नरेश गुप्ता, वीके बंसल सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।


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