CCSU : सर छोटूराम कॉलेज में पौने तीन करोड़ गबन की आशंका, नोटिस जारी Meerut News
चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में संचालित सर छोटूराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में करीब पौने तीन करोड़ रुपये फीस के गबन की आशंका जताई जा रही है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 10:42 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। चौ. चरण सिंह विवि परिसर में संचालित सर छोटूराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में करीब पौने तीन करोड़ रुपये फीस के गबन की आशंका विवि ने स्वयं व्यक्त की है। विवि के लेखाधिकारी की ओर से शुक्रवार को एक बार फिर नोटिस जारी करते हुए संस्थान से 2,78,99,882 रुपये की स्थिति को स्पष्ट करने को कहा है।
बैंक में जमा करने पर संशय
संस्था की ओर से इस धनराशि को विवि के बैंक खाते में जमा करने की स्थिति पुष्टि व स्पष्ट न होने पर धनराशि के गबन की संभावना व्यक्त की गई है। विवि के अनुसार सर छोटूराम कॉलेज में 21 जनवरी 2008 से 24 दिसंबर 2013 के दौरान उक्त धनराशि संस्थान की ओर से विवि को दिए जाने की बात कहीं गई है।
गबन की संभावना पर कार्रवाई होगी
28 मार्च 2019 से सीए की ओर से यह जानकारी मिली लेकिन तीन महीने बाद भी लेखा विभाग को इस धनराशि को प्रदान करने की साक्ष्य सहित आख्या विभाग को नहीं मिली है। विवि ने एक बार फिर नगद धनराशि के बैंक में जमा होने के साक्ष्य सहित आख्या भेजने को कहा है। जिससे वर्ष 2018-19 की बैलेंस शीट को सही किया जा सके। विवि ने यह भी कहा है कि जमा की पुष्टि न होने पर धनराशि के गबन की संभावना को देखते हुए कार्रवाई होगी।
44 करोड़ का हिसाब मांग रहा विवि
विवि की ओर से सर छोटूराम सहित विभिन्न कॉलेजों से 44 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा जा रहा है। इसमें से यह पौने तीन करोड़ फीस के हैं जबकि अन्य धनराशि विभिन्न कॉलेजों को विवि की ओर से परीक्षा के लिए दी गई एडवांस राशि है। कॉलेजों ने इस धनराशि का हिसाब विवि को नहीं दिया है। इस मामले में विवि कुलपति सहित तीन प्रमुख पदाधिकारियों को पिछले दिनों लोक लेखा समिति के समक्ष पेश होना पड़ा था। समिति ने विवि को दो माह का समय दिया है जिसमें धनराशि का हिसाब देना है।
बैंक में जमा करने पर संशय
संस्था की ओर से इस धनराशि को विवि के बैंक खाते में जमा करने की स्थिति पुष्टि व स्पष्ट न होने पर धनराशि के गबन की संभावना व्यक्त की गई है। विवि के अनुसार सर छोटूराम कॉलेज में 21 जनवरी 2008 से 24 दिसंबर 2013 के दौरान उक्त धनराशि संस्थान की ओर से विवि को दिए जाने की बात कहीं गई है।
गबन की संभावना पर कार्रवाई होगी
28 मार्च 2019 से सीए की ओर से यह जानकारी मिली लेकिन तीन महीने बाद भी लेखा विभाग को इस धनराशि को प्रदान करने की साक्ष्य सहित आख्या विभाग को नहीं मिली है। विवि ने एक बार फिर नगद धनराशि के बैंक में जमा होने के साक्ष्य सहित आख्या भेजने को कहा है। जिससे वर्ष 2018-19 की बैलेंस शीट को सही किया जा सके। विवि ने यह भी कहा है कि जमा की पुष्टि न होने पर धनराशि के गबन की संभावना को देखते हुए कार्रवाई होगी।
44 करोड़ का हिसाब मांग रहा विवि
विवि की ओर से सर छोटूराम सहित विभिन्न कॉलेजों से 44 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा जा रहा है। इसमें से यह पौने तीन करोड़ फीस के हैं जबकि अन्य धनराशि विभिन्न कॉलेजों को विवि की ओर से परीक्षा के लिए दी गई एडवांस राशि है। कॉलेजों ने इस धनराशि का हिसाब विवि को नहीं दिया है। इस मामले में विवि कुलपति सहित तीन प्रमुख पदाधिकारियों को पिछले दिनों लोक लेखा समिति के समक्ष पेश होना पड़ा था। समिति ने विवि को दो माह का समय दिया है जिसमें धनराशि का हिसाब देना है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें