विजय धामा पकड़ से दूर..खाकी सवालों के घेरे में
बीस हजार का इनामी विजय धामा पुलिस पकड़ से दूर है। अभी तक पुलिस की कार्रवाई से लग रहा है कि उसको पुलिस दूसरे राज्य या जनपद में सरेंडर करने का समय दे रही है।
मेरठ, जेएनएन : बीस हजार का इनामी विजय धामा पुलिस पकड़ से दूर है। अभी तक पुलिस की कार्रवाई से लग रहा है कि उसको पुलिस दूसरे राज्य या जनपद में सरेंडर करने का समय दे रही है। इसमें पर्दे के पीछे की सियासत भी दिखाई दे रही है। विजय की पुरानी हिस्ट्री देखी जाएगा तो हमेशा उसे सत्ता के नेताओं का संरक्षण मिला है, फिर चाहे सत्ता सपा की हो या भाजपा की। विजय धामा की पैरवी कद्दावर नेताओं ने ही की है। एक बार तो उसको लेकर भाजपा के दो विधायक आमने-सामने तक आ गए थे। यही कारण है कि मेडिकल में दर्ज पुराने मुकदमों में पुलिस की छिछालेदर होने के बाद विजय को जेल भेजा गया था।
जिला पंचायत सदस्य के उपचुनाव में विजय धामा ने पोलिंग बूथ पर गोलियां बरसाकर प्रधान सुरेश देवी के बेटे की हत्या कर दी थी। विजय धामा के साथ उस समय उसके दोस्त का गनर भी मौजूद था। गनर की मौजूदगी में विजय धामा अपनी कार में हथियार भरकर चल रहा था। पूरा दिन उसके साथ करीब पंद्रह युवकों से भरी दो गाड़ी भी घूम रही थी। दोनों गाड़ियों में हथियार थे। हैरत की बात है कि कहीं भी पुलिस ने गाड़ियों की तलाशी लेना तक उचित नहीं समझा, क्योंकि उनपर सत्ता का सिम्बल लगा हुआ था। हालांकि घटना के बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष और विधायक तक ने हाथ पीछे खींच लिए है। उन्होंने बयान देकर कहा कि भाजपा ने विजय धामा को समर्थित प्रत्याशी नहीं बनाया था। मृतक के पिता कालूराम ने आरोप यहां तक लगाए हैं कि रामनगर समेत कई गांव में बूथ कैप्चरिग हुई है। इसके बावजूद विजय और उसके दोनों भाइयों को पुलिस पकड़ नहीं पा रही है, जिस तरह से पुलिस कार्रवाई कर रही है। उससे लग रहा है कि पर्दे के पीछे से धामा को सत्ताधारी नेताओं को संरक्षण मिल रहा है। सपा नेता अतुल प्रधान ने भी यह आरोप लगाया है। बता दें कि सपा शासन काल में विजय धामा ही अतुल प्रधान का सबसे करीबी माना जाता था। भाजपा की सत्ता आई तो दो विधायकों ने विजय धामा की पैरवी की। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। पुलिस अपना काम कर रही है। विजय धामा को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ये है घटनाक्रम :
सात जुलाई को जिला पंचायत सदस्य वार्ड 34 के उपचुनाव में बली के प्राथमिक विद्यालय में पोलिंग बूथ पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी विजय धामा ने बली की ग्राम प्रधान सुरेश देवी के बेटे अनित कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोप था कि अनित ने बूथ कैप्चरिग करने से विजय और उसके साथियों को रोक दिया था। पुलिस ने विजय धामा उसके भाई अजयवीर और अंकित के खिलाफ हत्या एवं जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया। अभी तीनों फरार चल रहे है, जबकि उप चुनाव में विजय धामा को जीत मिल चुकी है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विजय और उसके भाइयों पर 20-20 हजार का इनाम कर दिया। विजय के बहनोई को भी संरक्षण देने के आरोप में पुलिस जेल भेज चुकी है।