Meerut Top News: यहां पढ़ें मेरठ और आसपास के जिलों की बड़ी खबरें, जो दिनभर रहीं सुर्खियों में
Top News from Meerut and other districts शुक्रवार शाम तक मेरठ और आसपास के जिलों में कई खबरें सुखिर्यों में हैं। इसमें बुलंदशहर में प्रेमिका से विवाद पर बच्चे की हत्या कर पेड़ पर लटकाने का मामला भी शामिल है।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ और आसपास जिलों में आज कई प्रमुख मामले चर्चा में हैं। यहां हम आपको ऐसी ही बड़ी खबरों को कम शब्दों में बताने जा रहे हैं।
भाकियू कार्यकर्ताओं ने किया लखीमपुर के लिए कूच
जागरण टीम, मेरठ- लखीमपर खीरी प्रकरण के चलते केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर भारतीय किसान यूनियन आक्रामक तेवर में है। सभी जिला मुख्यालयो पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं। शुक्रवार को प्रदर्शन के बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर के लिए कूच किया। इस दौरान प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है।
नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की मांग को लेकर संत मंगलगिरी का अनशन जारी
सहारनपुर: नदियों को प्रदूषण मुक्त करने और जड़ौदा जट गांव के निकट रेलवे हाल्ट बनाने की मांग को लेकर पंचदशनाम जूना अखाड़ा के संत मंगलगिरी का आमरण अनशन जारी है। शुक्रवार को हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने संत से मिल उनका हाल जाना। संत 16 अगस्त से सहारनपुर मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे स्थित जड़ौदा जट गांव के बाहर आमरण अनशन पर है। एसडीएम दीपक कुमार का कहना है कि संत मंगलगिरी मिलकर बातचीत की जाएगी।
प्रेमिका से विवाद पर बच्चे की हत्या कर पेड़ पर लटकाया
बुलंदशहर : गांव मऊखेड़ा में एक बाग में चार साल के बच्चे की हत्या कर शव पेड़ पर लटका दिया। बताया जा रहा है कि शादीशुदा प्रेमी का शादीशुदा प्रेमिका से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। प्रेमिका अपनी बहन के पास सिकंदराबाद चली गई। आरोपित प्रेमी प्रेमिका के चार साल के बेटे को मऊखेड़ा ले आया। एक बाग में ले जाकर मासूम बच्चे की हत्या कर शव पेड़ पर लटका दिया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेज आरोपित को हिरासत में ले लिया।
किसान संघर्ष समिति का धरना जारी, 24 अगस्त को महापंचायत
शामली: दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर के तहत उचित मुआवजे की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति की तरफ से बुटराडा जंक्शन पर बेमियादी धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। शुक्रवार को 23वें दिन भी किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। अब 24 अगस्त को महापंचायत के लिए तैयारी चल रही है।
...तो फिर अब खेतों में ही रहेगा गुलदार
बिजनौर अमानगढ़ में बाघों के डर से गुलदार ने खेतों की ओर रुख किया तो अब वहीं का होकर रह गया है। एक अनुमान के मुताबिक अमानगढ़ में केवल 40 गुलदार ही बचे हैं जबकि खेतों में 250 से ज्यादा गुलदार हैं। इस साल भी खेतों में 30 शावक पैदा होने का अनुमान है। अमानगढ़ में पर्यटन की तैयारी कर रहे वन विभाग के अफसरों का कहना है कि खेतों में पैदा हुआ शावक कभी वन में नहीं जाएगा। इसकी वजह है खेतों और गांवों में मिलने वाला आसान शिकार। वन विभाग के अफसरों का मानना है कि अगर किसान ट्रेंच विधि से गन्ने की खेती करें और दलहन तिलहन पर जोर दें तो ही गुलदार के वनों में लौटने की थोड़ी उम्मीद है। इसके लिए किसानों को जागरूक भी किया जाएगा।