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घर आएंगे सरकार के दूत, पूछेंगे सेहत का हाल

अगर कोई चिकित्सा स्टाफ आपके घर पहुंचकर ब्लडप्रेशर नापने लगे। परिवार की सेहत का रिकॉर्ड पूछे तो घबराएं नहीं। दरअसल, सरकार 15-49 वर्ष उम्र वर्ग के सभी पुरुष एवं महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच करने जा रही है। इस स्क्रीनिंग का मकसद वक्त रहते लोगों में शुगर, बीपी, कैंसर, टीबी एवं अन्य बीमारियों को पकड़ना है। जांच के बाद हर परिवार को एक यूनिक आइडी मिलेगी, जिसमें हर सदस्य के सेहत की कुंडली होगी। ये सभी कार्य आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग के वेलनेस सेंटर करेंगे। इंचौली में आकर्षक वेलनेस सेंटर तैयार किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 05:00 AM (IST)
घर आएंगे सरकार के दूत, पूछेंगे सेहत का हाल
घर आएंगे सरकार के दूत, पूछेंगे सेहत का हाल

मेरठ । अगर कोई चिकित्सा स्टाफ आपके घर पहुंचकर ब्लडप्रेशर नापने लगे। परिवार की सेहत का रिकॉर्ड पूछे तो घबराएं नहीं। दरअसल, सरकार 15-49 वर्ष उम्र वर्ग के सभी पुरुष एवं महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच करने जा रही है। इस स्क्रीनिंग का मकसद वक्त रहते लोगों में शुगर, बीपी, कैंसर, टीबी एवं अन्य बीमारियों को पकड़ना है। जांच के बाद हर परिवार को एक यूनिक आइडी मिलेगी, जिसमें हर सदस्य के सेहत की कुंडली होगी। ये सभी कार्य आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग के वेलनेस सेंटर करेंगे। इंचौली में आकर्षक वेलनेस सेंटर तैयार किया गया है।

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वेलनेस सेंटर में योगा भी

आयुष्मान भारत में परिवारों को जहां पांच लाख रुपये का इलाज मिल रहा है, वहीं सरकार वेनलेस सेंटर खोल रही है। इसमें व्यक्ति की स्क्रीनिंग के साथ ही उन्हें योग, प्राणायाम व अन्य उपायों के जरिए स्वस्थ रहने की सीख दी जाएगी। उधर, एएनएम के साथ आशा कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर मरीजों की रिपोर्ट बनाएंगी। किसी घर में शुगर का मरीज मिला तो पूरे परिवार की जांच होगी। पुरुषों में रक्तचाप, स्ट्रोक एवं कैंसर का रिस्क व महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, एनीमिया एवं शुगर समेत कई बीमारियों का वक्त रहते इलाज मिल सकेगा। स्टाफ नर्स बनेंगी डाक्टर..इग्नू से पढ़ाई

वेलनेस केंद्रों पर चिकित्सकों की कमी को देखते हुए ट्रेंड स्टाफ नर्स रखी जाएंगी। इन्हें कम्युनिटी मेडिकल अफसर कहा जाएगा। चयनित नर्सो को इंदिरा गांधी ओपन विवि एवं नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से छह माह का ब्रिज कोर्स पढ़ाया जा रहा है। इनकी नियुक्ति से चिकित्सकों की कमी पूरी करने का प्रयास है। वेलनेस केंद्रों में लैब, चिकित्सा उपकरण और चंद दवाएं भी होंगी। अगर मरीज में गंभीर बीमारी के लक्षण मिले तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिए उसे जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल तक भेजा जाएगा। इनका कहना--

आयुष्मान भारत के अंतर्गत लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। जिले में 15-49 वर्ष की उम्र के लाखों लोगों की सेहत जांची जाएगी। स्क्रीनिंग में बड़ी संख्या में शुगर, रक्तचाप एवं अन्य बीमारियों के लोग मिलेंगे, जो अब तक छिपे हुए थे। 70 वेनलेस सेंटरों में जल्द ही योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा भी शुरू की जाएगी।

-डा. पूजा शर्मा, एसीएमओ


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