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अपराध से कराह रही आधी आबादी, बेबस खाकी

महिलाओं के विरुद्ध अपराध पर नहीं लग पा रहा अंकुश। अफसरों का मॉनीट¨रग का दावा, नहीं बख्शे जाएंगे लापरवाह।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 12:35 PM (IST)
अपराध से कराह रही आधी आबादी, बेबस खाकी
अपराध से कराह रही आधी आबादी, बेबस खाकी

मेरठ (योगेन्द्र सागर)। महिलाओं के विरुद्ध अपराध को लेकर सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री ने महिला उत्पीड़न रोकने में नाकाम संभल और प्रतापगढ़ के कप्तान को हाल ही में निलंबित भी किया है। शासन का पहले से यही रुख रहा है। इसके बावजूद जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ की वारदात और मनचलों से तंग होकर पढ़ाई छोड़ने की घटनाएं इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के लिए कदम-कदम पर उत्पीड़न है और खाकी बेबस है। कागजी हैं एंटी रोमियो स्क्वायड के आंकड़े

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शोहदों की शामत लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया, उसकी कार्रवाई के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। गत मई में जिले में 2984 स्थल और 7330 व्यक्ति चेक किए गए। मुकदमे सिर्फ दो दर्ज हुए, जिनमें चार लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई। इसके अलावा 4953 लोगों को चेतावनी देकर छोड़ा गया। कार्रवाई में दूसरे स्थान पर मेरठ

मई में मेरठ जिले में हत्या, दुष्कर्म, दहेज, हत्या, अपहरण, छेड़छाड़, एसिड अटैक व चेन स्नेचिंग के 32 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें शामिल 39 अभियुक्तों में 33 के खिलाफ कार्रवाई की गई। 84.62 फीसद कार्रवाई के साथ मेरठ मंडल में दूसरे नंबर पर रहा। 85.17 प्रतिशत के साथ बागपत पहले, 82.67 प्रतिशत के साथ गौतमबुद्धनगर तीसरे, 75 प्रतिशत के साथ हापुड़ चौथे, 60.38 प्रतिशत के साथ गाजियाबाद पांचवें और 47.73 प्रतिशत के साथ बुलंदशहर सबसे निचले पायदान पर रहा। तीन वर्ष में मई में दर्ज हुए दुष्कर्म के मामले

जनपद वर्ष 2018 2017 2016

मेरठ 4 19 3

गाजियाबाद 11 11 15

बुलंदशहर 7 15 13

गौतमबुद्धनगर 6 4 7

बागपत 2 5 2

हापुड़ 2 7 8 कप्तान के पास आई शिकायतें (एक मई से 15 जुलाई तक)

-दुष्कर्म की नौ शिकायतें आई, जिनमें छह दर्ज हुई।

-सामूहिक दुष्कर्म की तीन शिकायतें आईं, जिनमें सभी दर्ज हुई।

-दहेज उत्पीड़न की 93 शिकायतें आईं, जिनमें सिर्फ 19 में मुकदमे दर्ज हुए। बाकी परिवार परामर्श केंद्र में लंबित

-छेड़छाड़ की 13 शिकायतें आईं, जिनमें 11 पर मुकदमे लिखे गए। दो मामलों की जांच जांच जारी है। पढ़ाई तक छोड़ चुकी हैं छात्राएं

-जून में मवाना क्षेत्र की चार बहनों ने शोहदों के डर से मदरसा जाना बंद कर दिया था। थाना पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो बहनों ने एसएसपी ऑफिस में गुहार लगाई थी।

-जून में देहली गेट थाना क्षेत्र निवासी छात्रा ने अपने दो सहपाठियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। हरकतों से तंग आकर छात्रा ने पढ़ाई छोड़ दी थी।

-जून में ही मुंडाली थाना क्षेत्र की एक छात्रा ने छेड़छाड़ से तंग आकर पढ़ाई छोड़ दी। थाने में कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने एसएसपी से गुहार लगाई।

-मई में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने छात्रा की नाक काट दी थी। मामला इंचौली थाना क्षेत्र का था। एसएसपी कार्यालय पर हंगामे के बाद थाना पुलिस हरकत में आई। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हुए हैं। किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती गई है। आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। एंटी रोमियो स्क्वायड, महिला थाना और जिले में महिला उत्पीड़न के मामलों की मॉनीट¨रग के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त हैं। चुनिंदा मामले संदेहास्पद होते हैं, जिनमें जांच के बाद कार्रवाई कराई जाती है।


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