बजट में 150 करोड़ का प्रावधान, मेरठ में मेट्रो पकड़ेगी रफ्तार
योगी सरकार ने बजट में मेरठ सहित पांच शहरों में मेट्रो के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इसके चलते अब मेरठ में मेट्रो की गति रफ्तार पकड़ेगी।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 11:57 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 11:57 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ के सपनों की मेट्रो का जिक्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषणों की तरह उनके बजट में भी हुआ। मेरठ समेत चार अन्य शहरों को 150 करोड़ रुपये मिलेंगे,पर अंदेशा इस बात का है कि कहीं मेरठ का हश्र पिछले बजट की तरह न हो। उस बजट में भी 500 करोड़ आवंटित हुए थे,लेकिन मेरठ के बजाय खर्च आगरा-कानपुर पर हुआ।
मेरठ में हो पाएगी मिट्टी की जांच
योगी सरकार ने गुरुवार को पेश किए बजट में 150 करोड़ रुपये मेरठ,बनारस,गोरखपुर,प्रयागराज व झांसी के लिए आवंटित किए हैं। यह धनराशि मेट्रो परियोजनाओं के प्रारंभिक कार्य के लिए है। हालांकि इससे केवल मेरठ में ज्यादा से ज्यादा मिट्टी की जांच ही हो पाएगी। उधर,पिछले बजट से आगरा व कानपुर में जो काम हुए थे,उसी का परिणाम है कि इस बार आगरा को 150 और कानपुर को भी 150 करोड़ अलग से आवंटित किए गए हैं।
संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार के पास लंबित
मेरठ में मेट्रो के दो कॉरीडोर प्रस्तावित किए गए थे। पहले कॉरीडोर में परतापुर से मोदीपुरम को रैपिड रेल के साथ जोड़ दिया गया है। यानी रैपिड के लिए जो ट्रैक व स्टेशन बनाया जाएगा,उसका मेट्रो भी उपयोग करेगी। इस तरह से सिर्फ मेट्रो के संचालन व डिब्बे आदि पर ही खर्च होंगे। दूसरा कॉरीडोर है,श्रद्धापुरी फेज-दो से मेडिकल होते हुए गोकलपुर तक। मेरठ मेट्रो को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था,पर इसकी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ही तय नहीं हो सकी। दो-तीन बार डीपीआर संशोधित हुई। पिछली डीपीआर 2018 में यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी थी,पर उसे अभी तक केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिल सकी है।
इनका कहना है
योगी सरकार ने बजट में विकास की प्रतिबद्धता को साबित किया है। हर वर्ग का खयाल रखते हुए कृषि विकास, औद्योगिक विकास,शहरी नियोजन,खेलकूद,सिंचाई,शिक्षा,समाज कल्याण समेत अन्य योजनाओं के बीच बेहतर संतुलन साधा है। केंद्रीय बजट की तरह इसमें भी सबका साथ-सबका विकास साफ झलकता है। प्रदेश को आगे ले जाने वाले बजट के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को साधुवाद देता हूं।
-राजेंद्र अग्रवाल,सांसद,मेरठ-हापुड़
मेरठ में हो पाएगी मिट्टी की जांच
योगी सरकार ने गुरुवार को पेश किए बजट में 150 करोड़ रुपये मेरठ,बनारस,गोरखपुर,प्रयागराज व झांसी के लिए आवंटित किए हैं। यह धनराशि मेट्रो परियोजनाओं के प्रारंभिक कार्य के लिए है। हालांकि इससे केवल मेरठ में ज्यादा से ज्यादा मिट्टी की जांच ही हो पाएगी। उधर,पिछले बजट से आगरा व कानपुर में जो काम हुए थे,उसी का परिणाम है कि इस बार आगरा को 150 और कानपुर को भी 150 करोड़ अलग से आवंटित किए गए हैं।
संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार के पास लंबित
मेरठ में मेट्रो के दो कॉरीडोर प्रस्तावित किए गए थे। पहले कॉरीडोर में परतापुर से मोदीपुरम को रैपिड रेल के साथ जोड़ दिया गया है। यानी रैपिड के लिए जो ट्रैक व स्टेशन बनाया जाएगा,उसका मेट्रो भी उपयोग करेगी। इस तरह से सिर्फ मेट्रो के संचालन व डिब्बे आदि पर ही खर्च होंगे। दूसरा कॉरीडोर है,श्रद्धापुरी फेज-दो से मेडिकल होते हुए गोकलपुर तक। मेरठ मेट्रो को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था,पर इसकी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) ही तय नहीं हो सकी। दो-तीन बार डीपीआर संशोधित हुई। पिछली डीपीआर 2018 में यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी थी,पर उसे अभी तक केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिल सकी है।
इनका कहना है
योगी सरकार ने बजट में विकास की प्रतिबद्धता को साबित किया है। हर वर्ग का खयाल रखते हुए कृषि विकास, औद्योगिक विकास,शहरी नियोजन,खेलकूद,सिंचाई,शिक्षा,समाज कल्याण समेत अन्य योजनाओं के बीच बेहतर संतुलन साधा है। केंद्रीय बजट की तरह इसमें भी सबका साथ-सबका विकास साफ झलकता है। प्रदेश को आगे ले जाने वाले बजट के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को साधुवाद देता हूं।
-राजेंद्र अग्रवाल,सांसद,मेरठ-हापुड़
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