हिंदी दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन
मेरठ : शोभित विश्वविद्यालय में रविवार को हिंदी दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में हुई त्रासदी के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलसचिव डॉक्टर जयानंद ने मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। कवियों ने वीर, हास्य, श्रृंगार व करुण रसों की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। मुख्य अतिथि लोकेंद्र यादव ने पुरस्कार का वितरण किया। इस मौके पर श्रेयांश जैन, हर्ष मिश्रा, हैदर, अंकित व निखिल आदि का विशेष सहयोग रहा।
फोटो 14 पीवीएल 602 ::: हिंदी दिवस पर भाजपाइयों ने बांटी मिठाई
मोदीपुरम : पल्लवपुरम में रविवार को भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान फेज-वन व टू के अलावा भव्य पैलेस पर मिठाइयां बांटी। मंडल अध्यक्ष विक्रांत ढाका ने कहा कि हम सभी लोगों को दैनिक जीवन में हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए। महामंत्री निपुण अग्रवाल ने कहा कि हमें अपनी राष्ट्रभाषा को सर्वोपरि रखना चाहिए। इस मौके पर मनोज शर्मा, रूपेंद्र, डा. विजय शर्मा, राहुल राणा, विनीत, प्रदीप, विकास, आदेश पंडित, हर्ष ठाकुर, गौरव चौहान व मनोज चौहान आदि मौजूद रहे।
'हिंदी राष्ट्र का गौरव'
मेरठ : आर्य समाज थापरनगर के रविवारीय सत्संग में हिंदी दिवस कार्यक्रम उत्साह से मनाया गया। आचार्य वागीश्वर शास्त्री ने हिंदी को दैनिक जीवन में अपनाने पर बल दिया। प्रधान राजेश सेठी ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण राष्ट्रभाषा के बिना नहीं हो सकता। केवल कृष्ण वाधवा, भानु बत्रा, हरीश बत्रा, प्रीति सेठी, अर्जुन देव महाजन व राजीव सोनी आदि मौजूद रहे।
गोष्ठी का आयोजन
मेरठ : अल अजहर एजूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी की ओर से हिंदी दिवस पर गोष्ठी का आयोजन खंदक बाजार में रविवार को किया गया, जिसमें हिंदी की विशेषता पर प्रकाश डाला गया। मुख्य अतिथि इस्माईल कॉलेज प्रवक्ता रेहाना अली ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और सभी को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। इसको हमें गर्व से स्वीकार करना चाहिए। कमेटी के सचिव सैयद अली ने कहा कि उर्दू के बहुत सारे शब्दों का हिंदी में प्रयोग होता है। हिंदी व उर्दू भाषा आपस में दो बहनों के समान हैं। दक्षिण के राज्यों में हिंदी के प्रसार के लिए प्रयास करने चाहिए। संचालन अजहर अली ने किया। कार्यक्रम में इंतखाब अहमद, अतुल, देवेंद्र, अपूर्वा व वीर आदि मौजूद रहे।