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प्रोफेशनल कोर्स में अंग्रेजी की बाध्यता खत्म

By Edited By: Published: Thu, 27 Mar 2014 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 27 Mar 2014 08:21 PM (IST)
प्रोफेशनल कोर्स में अंग्रेजी की बाध्यता खत्म

मेरठ : चौ. चरण सिंह विवि की एकेडमिक काउंसिल ने स्नातक स्तरीय प्रोफेशनल कोर्स में अंग्रेजी की बाध्यता को खत्म कर दिया है। विवि व उससे संबद्ध महाविद्यालयों में यूजी स्तर पर संचालित सभी प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अब अंग्रेजी के अलावा हिन्दी माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे और परीक्षा भी हिन्दी में दे सकेंगे।

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विवि में करीब 56 प्रोफेशनल कोर्स संचालित हैं। इनमें बीबीए, बीसीए, एमबीए, मासकॉम आदि कोर्स प्रमुख हैं। यूजी स्तर पर चलने वाले इन सभी प्रोफेशनल कोर्स में हिन्दी माध्यम से शिक्षा देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। इसमें अंग्रेजी की बाध्यता खत्म कर सिलेबस और परीक्षा का पैटर्न दोनों माध्यम से कर दिया गया है। प्रोफेशनल कोर्स के पेपर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में आएंगे, छात्र जिसमें चाहे जवाब दे सकते हैं। इस बदलाव से ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियत होगी, जो अंग्रेजी कमजोर होने की वजह से प्रोफेशनल कोर्स करने से कतराते थे।

सभी पाठ्यक्रम में ओएमआर परीक्षा पैटर्न लागू

विवि परिसर और संबद्ध महाविद्यालयों में संचालित स्नातक अंतिम वर्ष और परास्नातक अंतिम सेमेस्टर के सभी कोर्स में ओएमआर परीक्षा पैटर्न लागू कर दिया गया है। अभी तक केवल रेगुलर कोर्स में यह परीक्षा पैटर्न लागू था। यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2014-15 में लागू होगा।

एक साथ दो डिग्री नहीं

विवि ने यूजीसी के एक साथ दो डिग्री देने के प्रस्ताव को अमान्य कर दिया है। ऐसे छात्र-छात्राएं जो एक साथ दो डिग्री हासिल करना चाहते हैं, उन्हें इसकी अनुमति नहीं होगी। हालांकि रेगुलर मोड में एक डिग्री के साथ एक डिप्लोमा कोर्स या सर्टिफिकेट कोर्स किया जा सकेगा।

सेल्फ फाइनेंस कोर्स में भी पीएचडी

विवि की एकेडमिक काउंसिल ने कैंपस में भूगोल में पीएचडी शुरू करने व सेल्फफाइनेंस कोर्स में पीएचडी कराने के प्रस्ताव स्वीकार लिया है, लेकिन नियम बनाने के लिए एक कमेटी बना दी गई है। कमेटी में डीन, रजिस्ट्रार, फाइनेंस कंट्रोलर सभी बिंदुओं पर विचार करेंगे। सेल्फफाइनेंस कोर्स में पीएचडी के लिए शर्त यह रहेगी, कि उस कोर्स को कोई रेगुलर शिक्षक संचालित कर रहा है।

बैठक के अन्य अहम बिंदु

- एमएससी कृषि में लघु शोध प्रबंध का प्रस्ताव खारिज

- बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास सिलेबस स्वीकृत

- परिसर में डिसेबिलिटी स्टडीज विभाग खोलने का प्रस्ताव पास, कमेटी बनी

- परिसर व कालेज में एमए, एमएसी भूगोल में एक समान पाठ्यक्रम लागू

- सर छोटूराम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के बीटेक छात्रों को ग्रेस मा‌र्क्स का प्रस्ताव खारिज

- बोर्ड ऑफ स्टडीज को भंग कर बीएड परीक्षा कराने के विवि के फैसले पर मुहर

- छोटूराम में कोआर्डिनेटर, पांच वर्ष का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ शिक्षक में चक्रानुक्रम में बनेंगे

- रसायन विज्ञान विभाग में भाभा के वैज्ञानिक जेपी मित्तल को एमेरिटस प्रोफेसर बनाने पर मुहर।


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