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यह कैसा मानसून, तमसा समेत ताल-तलैये सूखे

बारिश के मौसम के बीच तमसा नदी का पानी तलहटी में ही बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 05:05 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 05:05 PM (IST)
यह कैसा मानसून, तमसा समेत ताल-तलैये सूखे
यह कैसा मानसून, तमसा समेत ताल-तलैये सूखे

यह कैसा मानसून, तमसा समेत ताल-तलैये सूखे

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जागरण संवाददाता, मऊ : मानसून के आगमन को लगभग डेढ़ माह बीत चुके हैं। बावजूद इसके बारिश के माध्यम से गिरने वाला पानी इतना कम रहा है कि न तो ताल-तलैये लबालब हो पाएं हैं और न ही मझली व छोटी नदियों में पानी का प्रवाह नजर आ रहा है। बारिश के मौसम के बीच तमसा नदी का पानी तलहटी में ही बना हुआ है। आसपास के कई छोटे-बड़े जलाशय सूखे पड़े हैं।

जिले के कई बड़े तालों में पानी का स्तर अभी मई और अप्रैल की भांति पूर्ववत बना हुआ है। फतेहपुर नरजा ताल, पकड़ी पीउंवा, गाढ़ा या फतेहपुर ताल नरजा हो, सभी में पानी का क्षेत्रफल अभी सिकुड़ा ही हुआ है। कई नालों के किनारे खेती करने वाले किसान बरसात के दिनों में नाले में भरे पानी को पंपिंग सेट से खींच कर अपनी फसल की सिंचाई करते हैं। नालों के अब तक सूखे होने से किसान बेबस हैं। किसी को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। लालनपुर सिपाह के किसान संताेष पांडेय, काछीकला के रामाश्रय, इटौरा के रामचंद्र राजभर आदि ने बताया कि छोटी सरयू नदी में कहीं-कहीं पानी है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर पानी नहीं है। इससे पंपिंग सेट के सहारे धान की फसल की सिंचाई का इंतजार कर रहे किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि किसी क्षेत्र में अभी दो-चार घंटे की मूसलाधार बारिश नहीं हुई है। इसी कारण किसी क्षेत्र के ताल-तलैये लबालब नहीं हुए हैं।


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