परिवहन निगम के योद्धाओं को नहीं मिल रहा प्रोत्साहन राशि
महानगरों से आ रहे प्रवासी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से उनके घर तक पहुंचाने के लिए जांबाजी दिखाते हुए दिन-रात मेहनत करने वाले उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चालकों-परिचालकों के लिए तय की गई प्रोत्साहन राशि मऊ डिपो से नहीं दी जा रही है। कोराना वायरस से खुद की सुरक्षा की परवाह न करते हुए एक-एक प्रवासी श्रमिक को पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ घर की दहलीज तक पहुंचाने वाले असली कोरोना योद्धा चालकों एवं परिचालकों में प्रोत्साहन राशि न मिलने से आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, मऊ : महानगरों से आ रहे प्रवासी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से उनके घर तक पहुंचाने के लिए जांबाजी दिखाते हुए दिन-रात मेहनत करने वाले उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चालकों-परिचालकों के लिए तय की गई प्रोत्साहन राशि मऊ डिपो कर्मियों को नहीं मिल रही है दी जा रही है।
चाहे जमातियों को क्वारंटाइन केंद्र ले जाने की बात रही हो या अब प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक छोड़ने का मामला, रोडवेज में कम से कम मानदेय पर संविदा की नौकरी करने वाले ये चालक-परिचालक ही सबसे अगली कतार में खड़े हैं। लॉकडाउन में सब कुछ बंद होने के चलते चालक-परिचालक भूख-प्यास से संघर्ष करते हुए लगातार राष्ट्र पर आए इस संकट के दौर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वह भी बिना उफ कहे। मऊ डिपो के कई चालकों-परिचालकों ने बताया कि शासन की ओर से चालकों-परिचालकों को नाश्ता-पानी एवं भोजन के लिए 300 रुपये प्रति चालक-परिचालक देने का निर्देश है। एक-दो दिन तो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने दिया, लेकिन फिर बंद हो गया। अवधेश, राकेश आदि चालकों ने कहा कि दूसरे डिपो में दिया जा रहा है, लेकिन मऊ डिपो में ही दिक्कत है। नंबर गेम ..
47 मऊ डिपो की कुल बसें
89 मऊ डिपो के कुल चालक
89 मऊ डिपो के कुल परिचालक
22 चालक-परिचालक ही नियमित शेष संविदा वर्जन ..
लंबी दूरी के चालकों-परिचालकों को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जानी है। 50 हजार रुपये इस मद में मिले थे, वह दे दिया गया है। इस मद में और धन की मांग की गई है, मिलने पर चालकों के मानदेय के साथ इसे जोड़कर दे दिया जाएगा।
- विवेकानंद त्रिपाठी, एआरएम, मऊ डिपो।