कुपोषण से मुक्त होंगे गांव, चलेगा अभियान
नंबर गेम.. 2200000 मऊ की कुल जनसंख्या (लगभग) 675 ग्राम पंचायतें 2574 आंगनबाड़ी केंद्र 2405
नंबर गेम..
2200000 मऊ की कुल जनसंख्या (लगभग)
675 ग्राम पंचायतें
2574 आंगनबाड़ी केंद्र
2405 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
1864 आशा कार्यकर्ता
264 एएनएम
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जागरण संवाददाता, मऊ : शहर से लेकर गांव तक कुपोषण से पूरी तरह मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने कमर कस ली है। अब जनपद में आठ मार्च से 22 मार्च तक पोषण पखवारा मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। पोषण पखवाड़े की थीम 'पुरुष सहभागिता' की गई है। इसके तहत आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर पोषण से वंचित लोगों को चिह्नित करेंगी और सूची बनाएंगी। इसके बाद शासन के दिशा निर्देश पर छह मुख्य कार्य कर पूरी तरह से रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को देंगी। इस रिपोर्ट को प्रशासन द्वारा समय-समय पर शासन को भेजा जाएगा।
शासन की तरफ से किशोरियों को पूरी तरह से पोषण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा 0-2 वर्ष तक कोई भी बच्चा कुपोषित न हो इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गर्भवती महिलाओं, कुपोषण होने के लक्षण मिलने वाले बालकों को पूरी तरह से पोषण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिदिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सामुदायिक गतिविधियां, आशा द्वारा महिलाओं के साथ बैठक करेंगी। इसके अलावा ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवसों का आयोजन करेंगी। वंचित परिवारों तक पहुंच बनाकर गांव की मैपिग कराएंगी। सेवाओं से छुटे हुये लाभाíथयों को चिह्नित करते हुए उनकी सूची बनाएंगी। पखवाड़े के दौरान गृह भ्रमण को आधार बनाएंगी और एक गांव में दो वर्ष तक के बच्चों में 30 से 40 परिवार होंगे। प्रतिदिन आंगनबाड़ी व आशा कम से कम दो से तीन 0 से 2 वर्ष के बच्चों के परिवारों का भ्रमण करेंगी।
बुजुर्ग सदस्य से करेंगी मशविरा
भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी व आशा परिवार के वरिष्ठ सदस्य जैसे कि पुरुष, बुजुर्ग सदस्य, सास मां आदि को लक्ष्य बनाकर मशविरा करेंगी। उन्हें सरकार के पोषण की योजनाओं की जानकारी देंगी। खासकर पोषण के आहार पर यह ज्यादा फोकस करेंगी। ताकि लोग आसानी से समझ सकें।
सात बिदुओं पर रहेगा फोकस
पेयजल तथा स्वच्छता पर लोगों को बखूबी समझाएंगी। शिक्षा के तहत लोगों को परामर्श देंगी तथा क्लास में मानीटर नियुक्त कर भोजन ग्रहण के दौरान साफ-सफाई की जानकारी देंगी। डायरिया व संक्रमण से बचाव ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवसों के दौरान, अति कुपोषित बच्चों सैम व मैम बच्चों की चिकित्सकीय जांच, एनीमियां कैंप करेंगी।
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शासन के निर्देशों से सारे विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करा दिया गया है। डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के सहयोग से आठ मार्च से सारे आयोजन कराएं जाने हैं। सभी रणनीति बनाई जा रही है।
-दुर्गेश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी।