भुखमरी की कगार पर हैं दो सौ कोरोना योद्धा
घोसी (मऊ) पुलिस विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी कर रहे होमगार्ड को कोरोना योद्धा जैसे शब्दों से विभूषित किया जा रहा है। इनमें दो सौ कोरोना योद्धा ऐसे हैं जिनको बीते आठ माह से वेतन और मानदेय नसीब न हो सका है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : पुलिस विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी कर रहे होमगार्ड को कोरोना योद्धा जैसे शब्दों से विभूषित किया जा रहा है। इनमें दो सौ कोरोना योद्धा ऐसे हैं जिनको बीते आठ माह से वेतन और मानदेय नसीब न हो सका है।
दरअसल जिले में पुलिस बल की कमी के कारण दो सौ होमगार्ड जवानों को ऐसे स्थानों पर ड्यूटी के लिए नियुक्त किया गया है जहां पुलिस के जवान को नियुक्त किया जाना चाहिए। शस्त्रधारक ऐसे होमगार्ड बैंक से लेकर अन्य संवेदनशील स्थानों पर नियुक्त हैं। पुलिस बल के सापेक्ष नियुक्त किए जाने के कारण इनको आम होममगार्ड्स से अलग पुलिस कोटा नामक श्रेणी में रखा गया है। मानदेय भले ही शांति सुरक्षा हेतु नियुक्त होमगार्ड के समान है पर इनको ड्यूटी हेतु मानदेय पुलिस विभाग देता है। इधर हाल यह कि इनको बीते आठ माह से वेतन न मिल सका है। कोरोना महामारी के चलते इनकी ड्यूटी भी बढ़ गई है। स्थिति यह कि लॉकडाउन के चलते अब दुकानदार उधारी नहीं देता है तो घर वाले भी शक जताते हुए उपेक्षित नजर से देख रहे हैं। खेती-बाड़ी से जुड़े होमगार्ड्स का किसी तरह गुजारा हो जा रहा है पर भूमिहीन वर्दीधारक सपरिवार भुखमरी की कगार पर आ पहुंचे हैं। बड़रांव ब्लाक के होमगार्ड संघ के अध्यक्ष रामजन्म चौहान बताते हैं कि पुलिस बल को भी समय से वेतन मिल रहा है और शांति सुरक्षा में नियुक्त होमगार्ड को भी वेतन मिल रहा है पर पुलिस कोटा के तहत ड्यूटी कर रहे होमगार्ड्स अगस्त माह से मानदेय का इंतजार कर रहे हैं।