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20 हजार शौचालय बने नहीं, जिला हो गया ओडीएफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीते दो अक्टूबर यानि महात्मा गांधी जयंती पर जनपद को ओडीएफ खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। जबकि मिशन की वेबसाइट पर बेसलाइन सर्वे 2012 के मुताबिक अभी भी

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 05:30 PM (IST)
20 हजार शौचालय बने नहीं, जिला हो गया ओडीएफ
20 हजार शौचालय बने नहीं, जिला हो गया ओडीएफ

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीते दो अक्टूबर यानि महात्मा गांधी जयंती पर जनपद को 'ओडीएफ' खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। जबकि मिशन की वेबसाइट पर बेसलाइन सर्वे 2012 के मुताबिक अभी भी 87 फीसदी शौचालय ही धरातल पर बने हैं। अभी भी बेसलाइन के लगभग 20 हजार शौचालय नहीं बने। मिशन की शुरूआत से अब तक प्रशासन आंकड़ों की बाजीगरी में लगा रहा। हकीकत यह है कि जनपद की अधिकतर सड़कें गंदगी से पटी हैं और लोगों का पूर्ण रूप से व्यवहार परिवर्तन भी नहीं हुआ है।

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद को 02दो अक्टूबर 2018 को ओडीएफ घोषित करना था। इस दौरान लक्ष्य के सापेक्ष आधे शौचालय ही बन पाए। अधिकतर जनपदों का यह हाल देखते हुए केंद्र सरकार ने तिथि को आगे बढ़ा दिया। हालांकि इस दौरान लोगों को शौचालय निर्माण कराने व व्यवहार परिवर्तन को लेकर जागरूकता अभियान भी चले। अभियान को धता बताने में पूरी मशीनरी जुटी है। एक-एक दिन में चार से पांच हजार फोटो तक अपलोड किए गए। इसके बारे में न तो कोई पूछने वाला है और ही कोई जांच का डर। हालांकि जनपद में निर्धारित तिथि तक लक्ष्य प्राप्ति के लिए कोरे कागजों में आंकड़ा भरने को लेकर खुल्लम-खुल्ला खेल चला। फिर भी लक्ष्य पूर्ण नहीं हो पाया। स्वच्छता मिशन के तहत बेसलाइन के बाहर वाले परिवारों का शौचालय 15 अगस्त तक पूरा कर लेना था। प्रदेश सरकार ने इसके लिए टाइम लाइन तय कर दिया था। प्रदेश सरकार के सख्त रुख को देखकर गहरी नींद में सो रहा प्रशासन भी जगा तो पर कम समय होने के नाते पूरा जोर निर्माण के बजाय जीयो टैग पर लगा दिया। इसका आलम यह रहा कि रोजाना चार से पांच हजार शौचालयों का जीयो टैग किया गया। जबकि हकीकत यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के दौर में पूरी मशीनरी होने के बावजूद भी एक दिन में बमुश्किल लगभग 2500 शौचालय ही एक दिन में जीयो टैग हो पाते थे। उस दौरान खुद जिलाधिकारी प्रकाश बिदु सुबह-शाम मानीटरिग करते थे। यह मिशन लगभग 87 फीसदी पर मिशन अटक गया। स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए भी केंद्र सरकार ने दो अक्टूबर 2018 की तिथि मुकर्रर की थी परंतु आज तक मिशन पूरा नहीं हो सका। बेसलाइन सर्वे 2012 से बाहर यानि लेफ्ट आउट बेसलाइन परिवारों का शौचालय निर्माण पूरा कर जीयो टैगिग कराने का शासन द्वारा समय निर्धारित कर दिया गया तो अमला खेल पर उतर आया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद में पहले के बने शौचालयों का दूसरी साइड से फोटो अपलोड कर जीयो टैग किया जाने लगा। उधर विभाग का दावा है कि बेसलाइन में 100 फीसदी शौचालयों की जीयो टैगिग कर ली गई है। भले ही विभाग एलओबी के शौचालयों के निर्माण का लाख दावा करें परंतु सच्चाई इसके विपरीत है। इनसेट--

21 हजार को शासन ने नहीं दी स्वीकृति

जनपद को खुले में शौच से मुक्त करने को लेकर चल रहे अभियान में एसबीएम व एलओबी अभियान चला। एसबीएम जहां अभी अधूरा ही अटका हुआ है वहीं एलओबी की लगभग 44 हजार की पहली खेप पूरी कर ली गई है जबकि दूसरी 21800 के शौचालयों को शासन ने ही स्वीकृति नहीं दी। वर्जन--

केंद्र सरकार ने बेसलाइन के आधार पर पूरे देश को ओडीएफ घोषित किया है। जनपद में 87 फीसदी का आंकड़ा काफी समय से नहीं बढ़ा है। इसकी जांच कराई जाएगी। जहां भी पुराने शौचालयों पर धनराशि उतारी गई होगी, उन पर कार्रवाई होगी।

- संजय मिश्रा, डीपीआरओ। प्वाइंटर--

स्वच्छ भारत मिशन

160707 कुल लक्ष्य

140794 अब तक हुआ निर्माण

87.61 फीसदी निर्माण की स्थिति एलओबी यानि लेफ्ट आउट बेसलाइन

44769 कुल लक्ष्य

100 फीसदी पूर्ण

21,800 को स्वीकृति नहीं


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